भरत, ऐरावत के ५-५ आर्यखंडों में जघन्य रूप से मिथ्यात्व गुणस्थान और उत्कृष्ट रूप से कदाचित चौदह गुणस्थान तक पाये जाते हैं। पाँच विदेहों के १६० आर्यखंडों में जघन्य रूप से ६ गुणस्थान तथा उत्कृष्ट रूप से १४ गुणस्थान पाये जाते हैं। सब भोगभूमिजों में ४ गुणस्थान तक होते हैं एवं सभी म्लेच्छ खंडों में से एक मिथ्यात्व गुणस्थान ही रहता है। विद्याधर श्रेणियों में देशसंयत तक ५ गुणस्थान एवं विद्याओं को छोड़ देने के बाद १४ गुणस्थान तक हो सकते हैं।