कर्नाटक के तटीय प्रान्तों में अब्बक्का के सम्बन्ध में अनेक लोकगीत और किंवदंतियाँ प्रसिद्ध हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी बच्चों को उनके साहस की कहानियाँ सुनाई जाती हैं। तटीय कर्नाटक के लोक थियेटर तथा यक्षगान शैली में भी रानी की कीर्ति गाई जाती है।
अब्बक्का की स्मृति में उनके शहर उल्लाल में उनका सैनिक वेशभूषा में कांस्य का स्टेच्यू लगाया गया। उल्लाल के चौक का नाम वीर रानी चौक है। प्रतिवर्ष वीर रानी अब्बक्का महोत्सव मनाया जाता है। वीर महिलाओं को अब्बक्का प्रशस्ति पुरस्कार भी दिया जाता है।