प्रश्न – क्या भगवान ऋषभदेव के समय प्रजा के लोग आदिवासी भील जैसे वेष धारण करते थे ?
उत्तर – नहीं, क्योंकि उस समय भोगभूमि व्यवस्था थी, कल्पवृक्षों से फल मिलना बंद हो गया था, अत: प्रजा के लोग ‘‘क्या भोजन करें ? कैसे रहें ? कैसी आजीविका करें ?’’ इत्यादि समस्याओं को लेकर आये थे। अत: वे सभी शिष्ट तथा अच्छे वस्त्र, आभूषणों से सहित थे। इसलिए प्रतिष्ठा में श्री नाभिराय के समक्ष या श्री ऋषभदेव के पास आदिवासी भीलों जैसे वेष बनवाकर लोगों को नहीं लाना चाहिए।
