अधिकांश मंदिरों के बाहर स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि मंदिर में चमड़े से बनी चीजें लेकर न जाएं, श्रद्धालु भी मंदिर के बाहर ही चमड़े से बने पर्स, बेल्ट आदि चीजें रख देते हैं, क्या आप जानते हैं मंदिरों में चमड़े से बनी चीजें क्यों नहीं ले जानी चाहिए, यहां जानिये इस प्रश्न का उत्तर। मंदिर बहुत ही पवित्र और चमत्कारी स्थान होता है, शास्त्रों के अनुसार किसी भी देव स्थान पर जाने के लिये कुछ आवश्यक नियम बताए गए हैं, इन नियमों का पालन करने पर मंदिर की पवित्रता बनी रहती है और देव कृपा प्राप्त होती है। इन्हीं नियमों में से एक नियम है चमड़े की चीजें नहीं ले जानी चाहिए। मंदिर जाने से पहले ध्यान रखें कि आपके पास चमड़े की कोई भी वस्तु न हो । चमड़े की वस्तु जैसे बेल्ट , पर्स, जैकेट आदि चमड़े से बनी वस्तुएं अपवित्र मानी गई है, क्योंकि ये वस्तुएं मृत जानवरों की खाल या चमड़ी से बनाई जाती है। भगवान के सामने जाते समय हमें शुद्ध और पवित्र चीजों को लेकर ही जाना चाहिए। चमड़े की चीजों से हो सकते हैं त्वचा संबंधी रोग कई बार ऐसा होता है कि हमने चमड़े की कोई चीज पहनी होती है और वह पानी से या पसीने से भीग जाती है, ऐसे में भीगा हुआ चमड़ा हमारी त्वचा पर बुरा असर डाल सकता है। जिन लोगों की त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है, उन्हें चमड़े की वस्तुओं से नुकसान पहुंच सकता है।