मध्यलोक १ राजू चौड़ा और १ लाख ४० योजन१ ऊँचा है। यह चूड़ी के आकार का है। इस मध्यलोक में असंख्यात द्वीप और असंख्यात समुद्र हैं।
१. असंख्यातों योजनों का १ राजू होता है और १४ राजू ऊँचे लोक में ७ राजू में नरक एवं ७ राजू में स्वर्ग हैं। इन दोनों के मध्य में १ लाख ४० योजन ऊँचा सुमेरू पर्वत है। बस इसी सुमेरू प्रमाण ऊँचाई वाला मध्यलोक है जो कि ऊर्ध्वलोक का कुछ भाग है और वह राजू में नाकुछ के समान है। अतएव ऊँचाई में उसका वर्णन नहीं आया।