मन की शांति
मन की शान्ति सफलता प्राप्ति के महत्वपूर्ण मन्त्रों में से एक है | अशांत और चिंतित मन से आप कभी अनुकूल परिणाम की अपेक्षा ही नहीं कर सकते | अशांत मन से एकाग्रता की राह कठिन हो जाती है | वास्तव में , यदि आपके जीवन में शान्ति है तभी आप सुखी हैं | एक तरह से शान्ति और सुख एक दूसरे के पूरक हैं | प्रायः व्यक्ति समस्त भौतिक सुख पाकर भी संतुष्ट नहीं हो पाता , क्योंकि जब तक हम मानसिक रूप से शांत नहीं होते तब तक कोई भी भौतिक वस्तु हमें सुख – शान्ति प्रदान कर सकती | डाक्टर राधाकृष्णन ने यथार्थ ही कहा है कि –“संपत्ति एवं स्वास्थ्य से भी अधिक मन की शान्ति का महत्त्व जीवन में सबसे अधिक होता है | ” कभी-कभी व्यक्ति की प्रसिद्धि भी उसकी शान्ति में विघ्न डालती है , क्योंकि व्यक्ति अपनी लोकप्रियता को बनाए रखने में ही सम्पूर्ण ऊर्जा लगा देता है | कुछ समय तक वह लोकप्रियता उसे प्रसन्नता अवश्य देती है परन्तु उसके बाद उसे उससे खीज का अनुभव होने लगता है | अब्राहम लिंकन ने शान्ति के सन्दर्भ में कहा है कि “यदि शान्ति पाना चाहते हो तो लोकप्रियता के स्वप्न से बचो |”
मानवीय व्यक्तित्व को आकार देने में मन की भूमिका महत्त्वपूर्ण है | अधिकाँश लोग पुरानी कड़वी बातों को भी कई वर्षों तक याद रखते हैं और उनके बारे में सोचते रहते हैं | इस तरह के व्यक्ति कभी मानसिक शान्ति प्राप्त नहीं कर पाते और दुखी रहते हैं | ऐसे व्यक्ति अपने मन में भरी कड़वाहट को दूर करने के प्रयास भी नहीं करते | इसका असर उनके करीबियों पर भी पड़ता है | इसलिए कड़वी बातों को अधिक समय तक अपने मन में न रखें | इसके बजाय आप कुछ अच्छी और मधुर स्मृतियों के बारे में विचार करें जो आपके मन को शांत करने में सहायक सिद्ध हों | उनका स्मरण आपके अधरों पर मुस्कान बिखेरने के साथ ही ह्रदय को स्पंदित कर मन को भी शान्ति प्रदान कर सकता है | यही शान्ति सफलता की आधारशिला रखती है |