उस मरण के पाँच भेद हैं-पण्डित-पण्डित मरण, पण्डित मरण, बाल पण्डित मरण, बालमरण, बाल-बाल मरण।
पण्डित-पण्डित मरण – क्षीणकषाय केवली भगवान पण्डित-पण्डित मरण से मरते हैं अर्थात् केवली मरण का पण्डित-पण्डित मरण नाम है।
पण्डित मरण – छठे गुणस्थान से लेकर ग्यारहवें गुणस्थान तक में होने वाला मरण पण्डित मरण है। बाल पण्डित मरण – विरताविरत-देश संयत के मरण को बाल पण्डित मरण कहते हैं।
बालमरण – अविरत सम्यग्दृष्टि का मरण बाल मरण है।
बाल-बाल मरण – मिथ्यादृष्टि जीवों का मरण, अपघात आदि करके मरण करना, यह सब बाल-बाल मरण है क्योंकि ये जीव बार-बार मरण करते ही रहते हैं।