जिणवयणमोसहमिणं विसहसुहविरेयणं अमिदभूदं।
जरमरणवाहिहरणं रवयकरणं सव्वदुक्खाणं।।
अर्थ –जिनेन्द्रदेव के वचन महान औषधि हैं, ये विषयसुखों का विरेचन कराने वाले हैं, अमृतरूप हैं, जरा और मरणरूप महाव्याधि को दूर करने वाले हैं तथा संपूर्ण दु:खों का क्षय करने वाले हैं।