महापुराण-
आचार्य जिनसेन कृत कलापूर्ण संस्कृत काव्य जिसे इनकी मृत्यु के पश्चात् इनके शिश्य आ0 गुणभद्र ने पूरा किया । जिनसेन वाले भाग का नाम आदि पुराण है जिसमें भगवान ऋषभ तथा भरत बाहुबलि का चरित्र चित्रित किया गया है। इसमें 47 पर्व तथा 15000 श्लोक है गुणभद्र वाले भाग का नाम उत्तर पुराण है जिसमें 23 तीर्थंकरों का उल्लेख है इसमें 29 पर्व और 8000 श्लोक है दोनों मिलकर महापुराण कहलाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]