३० जून २०१५ से 8 फरवरी २०१६ तक
प्रस्तुत है दोनों रथ भ्रमण की विस्तृत रिपोर्ट एवं सहयोगी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के प्रति आभार
१०८ फुट भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की सानंद सफलता में सारे देश की प्रान्तीय समितियों का योगदान भी भूला नहीं जा सकता है। महोत्सव से पूर्व केन्द्रीय समिति द्वारा प्रत्येक राज्य की विभिन्न प्रान्तीय समितियों का गठन किया गया, जिसमें देश के प्रसिद्ध समाजसेवियों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का सहयोग अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के लिए पूरे उत्साह के साथ प्राप्त हुआ।
समिति द्वारा दिल्ली-पंजाब-हिमाचल-जम्मू कश्मीर, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में अवध प्रान्त, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, आगरा मण्डल तथा कानपुर महानगर, पूर्वांचल में पश्चिम बंगाल, झारखंड, आसाम, मणिपुर, नागालैण्ड, अरुणाचल, मेघालय व उड़ीसा, गुजरात में सूरत, अहमदाबाद, दमनदीव, महाराष्ट्र में मुम्बई, पुणे, नागपुर व औरंगाबाद तथा उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तिसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पाण्डिचेरी जैसे सभी प्रान्तों में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का चयन करके प्रान्तीय समितियों का निर्माण किया गया और सभी को विभिन्न पदभार सौंपकर महोत्सव की सफलता हेतु जिम्मेवारी दी गई।
सभी प्रान्तीय पदाधिकारियों ने महोत्सव की सफलता हेतु विशेष परिश्रम एवं लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और विशेषरूप से जब गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी की पावन प्रेरणा से सम्पूर्ण भारत वर्ष में ‘‘१०८ फुट भगवान ऋषभदेव विश्वशांति कलश यात्रा रथ’’ के भ्रमण की बात आई, तब सभी प्रान्त के पदाधिकारियों ने विभिन्न योजनाएं बनाकर सफलता के साथ एक नहीं अपितु २ विश्वशांति कलश यात्रा रथ का भ्रमण सम्पूर्ण भारत के नगर-नगर में कराया। सभी के सहयोग से जब रथ का भ्रमण नगर-नगर में हुआ, तो घर-घर में १०८ फुट भगवान ऋषभदेव तथा ऋषभगिरि-मांगीतुंगी की चर्चाएं चलने लगीं और भक्तों ने महीनों पहले से ही महोत्सव में आने के लिए अपने टिकट आरक्षण करवाकर भगवान की प्रतिमा पर कलश करने हेतु अपने परिवार के नाम लिखवाए।
मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़-
मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़प्रान्त में रथ भ्रमण का कार्यक्रम प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमान हसमुख जी गांधी के नेतृत्व में भारी सफल हुआ। सर्र्वप्रथम दिनाँक ३० जून २०१५ को परमपूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी ससंघ के सान्निध्य में इंदौर से रथ प्रवर्तन का शुभारंभ किया गया, जिसमें इंदौर की मेयर श्रीमती मालिनी गौड़, विधायिका सुश्री उषा ठाकुर एवं महोत्सव समिति के संरक्षक श्री प्रदीप कुमार जी कासलीवाल आदि अनेक वरिष्ठ समाजसेवी उपस्थित हुए।
इंदौर के उपरांत रथ का भ्रमण सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में हुआ, जिसमें सनावद, बड़वाह, बेड़िया, खण्डवा, बुरहानपुर, खरगौन, धामनौद, धार, बड़वानी, झाबुआ, राणापुर, थांदला, रतलाम, जावरा, मंदसौर, मनासा, बड़नगर, उज्जैन, देवास, सोनकच्छ, हाटपिपल्या, कन्नौद, खातेगांव, लोहारदा, आष्टा, सिहोर, सुजालपुर, बीनागंज, राघवगढ़, गुना, अशोकनगर, मुंगावली, भोपाल, होशंगाबाद, इटारसी, बावई, गाड़रवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, सागर, कटनी, टीकमगढ़ व भिण्ड की समस्त समाज में भगवान ऋषभदेव एवं जैनधर्म की महती प्रभावना हुई। इस प्रकार मध्यप्रदेश प्रान्तीय रथ भ्रमण का कार्यक्रम लगभग ५ अगस्त २०१५ को सानंद सम्पन्न हुआ।
इससे पूर्व पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के सान्निध्य में सोनागिर तीर्थ में ज्येष्ठ वदी चौदस, दिनाँक १७ मई २०१५ को रथ में भगवान विराजमान करके पूजन-अनुष्ठानपूर्वक रथ का भ्रमण कराया गया तथा ज्येष्ठ सुदी दशमी, दिनाँक २८ मई २०१५ को शिवपुरी में महावीर जिनालय से रथभ्रमण का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इसके साथ ही पूज्य माताजी के ग्वालियर प्रवास में दिनाँक १८ अप्रैल २०१५ से २ मई २०१५ के मध्य विभिन्न धर्मसभाओं के माध्यम से महोत्सव का खूब प्रचार-प्रसार किया गया।
उपरोक्त रथ प्रवर्तन की सफलता में श्री हसमुख गांधी जी के साथ इंदौर के डॉ. अनुपम जैन, श्री विमल अजमेरा, श्रीमती मंजू अजमेरा, श्री कीर्ति पाण्ड्या, श्री कमल अग्रवाल, श्रीमती सुमन जैन (राष्ट्रीय अध्यक्ष-अ.भा. दि. जैन महिला संगठन) आदि का सहयोग सराहनीय रहा तथा अन्य स्थानों से श्री सुधीर जैन चौधरी-सनावद, श्री सुरेश जैन-खण्डवा, श्री अनिल गोधा-देवास, श्री रजनीकांत गांधी, श्री महेन्द्र बंडी, श्री राकेश विनायका, डॉ. देवेन्द्र कुमार शाह-भोपाल, श्री योगेश जैन-सुसनेर, श्री अशोक जैन ‘चाय वाले’-उज्जैन, श्री जयंती लाल दोशी-मंदसौर, श्री पवन अग्रवाल-राणापुर, श्री पुखराज सेठी-जावरा, श्री प्रदीप गांधी-मनासा, श्री उदय जैन-सागर, श्री विनीत जैन ‘ताले वाले’-सागर, श्री पारस जैन-सिवनी, श्री जिनेश जैन-गाड़रवाड़ा आदि का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा।
रथ प्रवर्तन में विद्वान के रूप में पं. वीरेन्द्र कुमार जैन शास्त्री, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर तथा पं. सुरेश जैन मारोरा-इंदौर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्र. अध्यात्म जैन (संघस्थ) ने भी अनेक स्थानों पर जाकर धर्मप्रभावना में अपना सहयोग प्रदान किया।
विशेषरूप से छत्तीसगढ़प्रान्त में यद्यपि रथ का प्रवर्तन नहीं हो सका, लेकिन हसमुख जी गांधी के नेतृत्व में रायपुर के वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रकाश जी मोदी के साथ श्री विनोद जैन ‘कोयला वाले’-बिलासपुर, श्री अजय जैन-रायपुर व श्री मनीष कासलीवाल-रायपुर आदि ने भरपूर मेहनत करके रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, राजिम एवं भिलाई आदि स्थानों पर धर्मसभाएं और मीटिंग आयोजित करके अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव-मांगीतुंगी का प्रचार-प्रसार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में किया और सैकड़ों भक्तों ने मांगीतुंगी पधारकर पुण्यार्जन भी किया।
विशेषरूप से छत्तीसगढ़ में सभी पदाधिकारियों ने वैâबिनेट मंत्री श्री राजेश मुणत जी के रायपुर निवास पर उन्हें महोत्सव में पधारने का निमंत्रण भी दिया तथा एक सभा में राज्यमंत्री श्रीमती सरला जैन ने स्वयं पधारकर सभा को गौरवान्वित किया।
इस प्रकार रथ प्रवर्तन एवं धर्मसभाओं के माध्यम से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में १०८ फुट भगवान ऋषभदेव के अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक और महामस्तकाभिषेक का इतना प्रचार-प्रसार हुआ कि महोत्स्व के मध्य २८ फरवरी २०१६ को दोनों प्रान्तों से सैकड़ों बसों द्वारा लगभग १०,००० की विशाल संख्या में भक्तों ने पधारकर भगवान का महाभिषेक किया।
दिल्ली राजधानी की बात करें, तो दिल्ली-पंजाब-हिमाचल-जम्मूकश्मीर के ऊर्जावान अध्यक्ष श्रीमान प्रमोद कुमार जैन, मॉडल टाउन-दिल्ली की नेतृत्व क्षमता एवं कार्यप्रणाली अत्यन्त सराहनीय रही और उन्होंने अपनी टीम में मुख्य संयोजक-एन.सी. जैन-मॉडल टाउन, महामंत्री श्री शरद कासलीवाल-रोहिणी, केन्द्रीय कार्याध्यक्ष श्री अनिल कुमार जैन, प्रीतविहार-दिल्ली, केन्द्रीय संगठन मंत्री श्री जवाहरलाल जैन-सिकन्द्राबाद, रथ संयोजक-श्री हेमचंद जैन-ऋषभ विहार, श्री कैलाशचंद जैन-करोलबाग, श्री मुकेश जैन-राजाबाजार,
सम्पूर्ण रथ प्रवर्तन का संचालन प्रतिष्ठाचार्य पं. विजय कुमार जैन द्वारा कुशलतापूर्वक सफल किया गया। इस अवसर पर उनके सहयोगियों में पं. प्रवीणचंद जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप, पं. वीरेन्द्र कुमार जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप, पं. सुरेश मारोरा-इंदौर आदि का भी सराहनीय सहयोग रहा।
दिल्ली के उपरांत १३ सितम्बर २०१५ से हरियाणा में रथ का भ्रमण सानंद सफल हुआ, जिसमें १३ सितम्बर को सोनीपत से रथ का शुभारंभ हुआ। पश्चात् फरीदाबाद, वल्लभगढ़, पलवल, होडल, रेवाड़ी, नारनौल, रोहतक, हाँसी, हिसार, गोहाना होते हुए २३ सितम्बर २०१५ को पानीपत पुन: अम्बाला, पंचवूâला, जमनानगर तथा २६ सितम्बर २०१५ को चण्डीगढ़ (पंजाब) के उपरांत करनाल होते हुए दिनांक २९-३० सितम्बर २०१५ को गुड़गांव (हरियाणा) में रथ भ्रमण का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।
हरियाणा प्रदेश में रथ प्रवर्तन के अवसर पर हरियाणा अध्यक्ष श्री नरेश बंसल-गुड़गाँवा, मंत्री श्री मुकेश जैन-सोनीपत, रथ संयोजक पं. प्रवीणचंद जैन-जम्बूद्वीप, पं. वीरेन्द्र कुमार जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप व श्री मनीष जैन-सोनीपत, श्री राजकुमार जैन-सोनीपत आदि का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
हरियाणा के उपरांत उत्तरप्रदेश में रथ भ्रमण का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया, जिसमें १ अक्टूबर २०१५ को भगवान शांतिनाथ–कुंथुनाथ–अरहनाथ की जन्मभूमि हस्तिनापुर में रथ का शुभारंभ हुआ। पश्चात् मवाना, ४ अक्टूबर को मेरठ, पुन: दौराला, सरधना, बरनावा, बिनौली, १२ अक्टूबर २०१५ को अमीनगरसराय पुन: टटीरी, बागपत, खेकड़ा, १५ अक्टूबर २०१५ को बड़ौत होते हुए छपरौली, बुढ़ाना, शेरकोट, नहटौर, धामनोद, धनौरामण्डी, कीरतपुर होते हुए २० अक्टूबर २०१५ को रथ भ्रमण का कार्यक्रम मुजफ्फरनगर एवं स्यौहारा में हुआ। पश्चात् २१ अक्टूबर को नजीबाबाद एवं बिजनौर में भ्रमण करके पुन: रथ ने दिल्ली की ओर प्रस्थान किया।
इसके उपरांत ४-५-६ नवम्बर २०१५ से नोएडा एवं गाजियाबाद के सरिता विहार, इन्द्रापुरम् आदि में रथ का भ्रमण सम्पन्न हुआ।
पश्चात् उत्तरप्रदेश के अवध प्रान्त में रथ भ्रमण का कार्यक्रम दिनाँक १८ दिसम्बर २०१५ से प्रारंभ हुआ। अवध प्रान्त के आसपास सर्वप्रथम १८ दिसम्बर २०१५ को बनारस, इलाहाबाद पुन: १९-२०-२१ दिसम्बर २०१५ को कानपुर होते हुए कन्नौज, गणेशपुर, जरवल रोड, बाराबंकी, बहराइच, तह. फतेहपुर, बेल्लारी, महमूदाबाद के बाद २७ दिसम्बर २०१५ को लखनऊ मेंं रथ का भ्रमण हुआ। पुन: २८ दिसम्बर २०१५ को टिकैतनगर पश्चात् दरियाबाद, सिधौली, बिसवां होते हुए ३१ दिसम्बर २०१५ को मुरादाबाद में उत्तरप्रदेश के अवध प्रान्तीय रथ भ्रमण का समापन किया गया।
इस प्रकार पश्चिमी उत्तरप्रदेश तथा अवध प्रान्तीय उत्तरप्रदेश के उपरांत तृतीय विभाजन के रूप में आगरा मण्डल में दिनाँक ३१ जनवरी २०१६ से रथ का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम ३१ जनवरी २०१६ को आगरा के हरि पर्वत स्थित एम.डी. जैन इंटर कॉलेज से भव्य आयोजन के साथ रथ प्रवर्तन का शुभारंभ हुआ। पश्चात् एत्मादपुर, टूण्डला, एटा, घिरौर, कुरावली होते हुए ५ फरवरी २०१६ को रथ प्रवर्तन का कार्यक्रम मैनपुरी में सम्पन्न हुआ, जिसके उपरांत शिकोहाबाद व सिरसागंज होते हुए दिनाँक ७ फरवरी को फिरोजाबाद (उ.प्र.) में रथ प्रवर्तन का कार्यक्रम विशेष सफलता के साथ सम्पन्न हुआ।
इस प्रकार उत्तरप्रदेश के तीनों भाग में रथ भ्रमण का कार्यक्रम भरपूर धर्मप्रभावना एवं १०८ फुट भगवान ऋषभदेव के प्रति विशेष जागृति के साथ सम्पन्न हुआ।
उत्तरप्रदेश के रथ भ्रमण में प्रतिष्ठाचार्य पं. प्रवीणचंद जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर ने संयोजक के रूप में नगर-नगर में रथ भ्रमण कराया। साथ ही विशेष सामाजिक कार्यकर्ताओं में पश्चिमी उत्तरप्रदेश से श्री मनोज जैन-मेरठ, श्री सुनील जैन सर्राफ-मेरठ, श्री राकेश जैन-मेरठ, श्री सतीशचंद जैन-सरधना, श्री मंगलसेन जैन-सरधना, श्री राजेन्द्र कुमार जैन ‘गैस वाले’-मवाना, श्रीमती स्वस्ति जैन-मवाना, श्रीमती त्रिशला जैन-शेरकोट आदि अनेक महानुभावों का सहयोग रहा।
उत्तरप्रदेश के अवध प्रान्त में लखनऊ से श्री वैâलाशचंद जैन सर्राफ, श्री अमरचंद जैन सर्राफ (टिकैतनगर), श्री आदीश जैन सर्राफ, श्री सिद्धार्थ जैन, श्री शुभचंद जैन, श्री वीर कुमार जैन, श्री वीर कुमार जैन (टिकैतनगर), श्री शैंकी जैन, श्री अजय जैन, श्री दीपक जैन-बनारस, श्री सपन जैन-इलाहाबाद, श्री अजित प्रसाद जैन-इलाहाबाद, श्री पदम कुमार गंगवाल-कानपुर, श्री श्रीपाल जैन-कानपुर, श्री शरद जैन-बहराइच, श्री सरोज जैन-तह. फतेहपुर, श्री विजय जैन पत्रकार-तह. फतेहपुर, भरत सेना-टिकैतनगर आदि अनेक महानुभावों के साथ तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन-मुरादाबाद ने भी अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया।
इसी प्रकार उत्तरप्रदेश के आगरा मण्डल में आगरा के श्री स्वरूपचंद जैन मार्शन्स, श्री अशोक कुमार जैन (पूर्व महापौर), श्री राजकुमार जैन, श्री मनोज कुमार जैन, श्री अनंत कुमार जैन तथा डॉ. सुशील जैन-मैनपुरी एवं प्राचार्य श्री नरेन्द्र प्रकाश जैन-फिरोजाबाद का सहयोग सराहनीय रहा।
विश्वशांति कलश यात्रा रथ भ्रमण का आयोजन राजस्थान में भी भारी धर्मप्रभावना के साथ किया गया। यह रथ भ्रमण राजस्थान प्रान्त में ‘‘पिंक सिटी’’ के नाम से सुप्रसिद्ध शहर जयपुर से दिनांक ३ जनवरी २०१६ को प्रारंभ किया गया। जयपुर में रथ शुभारंभ का कार्यक्रम दुर्गापुरा मोहल्ले में मुनि श्री पुलकसागर जी महाराज के सान्निध्य में शहर के मेयर श्री निर्मल जी नाहटा के करकमलों से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर भाजपा के जयपुर अध्यक्ष श्री संजय जैन, महासमिति के पूर्व अध्यक्ष श्री विवेक काला, प्रसिद्ध समाजसेवी श्री राजेन्द्र गोधा, श्री सुमेर पाण्ड्या आदि उपस्थित थे। इसके उपरांत लगातार १० जनवरी २०१६ तक सम्पूर्ण जयपुर की विभिन्न कॉलोनियों में भव्य आयोजन के साथ रथ भ्रमण सफल हुआ। रथ का समापन १० जनवरी को जयपुर के मालवीय नगर स्थित जैन मंदिर में आचार्य श्री विशदसागर जी महाराज (ससंघ) के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ, जिसमें समाज अध्यक्ष श्री सी.एल. जैन का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
जयपुर के उपरांत चाकसू, टोंक, बनैठा, शिवाड़, चौथ का बारवाड़ा, नैनवा, लाखेरी, करगर, बूंदी, तालेड़ा होते हुए १७ जनवरी २०१६ को रथ कोटा पहुँचा। इसके उपरांत देवली, सांवर, केकड़ी, सरवाड़, जूनिया, उनियारा खुर्द, मालपुरा, लावा, डिग्गी होते हुए दिनांक २४ जनवरी २०१६ को माधोराजपुरा में रथ प्रवर्तन का आयोजन हुआ। पश्चात् फागी, मौजमाबाद, पुâलेरा होते हुए दिनांक २७ जनवरी को मदनगंज-किशनगढ़ एवं २९ जनवरी को अजमेर में भव्य सभा के साथ राजस्थान प्रान्तीय रथ भ्रमण का कार्यक्रम सानंद सम्पन्न हुआ।
राजस्थान प्रान्तीय रथ भ्रमण में महोत्सव समिति के राजस्थान प्रान्तीय अध्यक्ष श्री रमेश जैन तिजारिया-जयपुर का सराहनीय योगदान रहा। उन्होंने रथ भ्रमण की सफलता के लिए अपनी पूरी टीम के साथ समस्त आयोजन कुशलतापूर्वक सम्पन्न कराये। उनके साथ कार्यालय मंत्री श्री संतोष जैन सडुवाला-जयपुर, श्री राजवीर जैन-कोटा आदि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसी के साथ विद्वानों में पं. नरेश कुमार जैन शास्त्री एवं पं. प्रवीणचंद जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर ने भी रथ भ्रमण का आयोजन सुनियोजित सफल किया।
पूर्वांचल प्रदेश में पश्चिम बंगाल, बिहार (कानकी, किशनगंज), झारखंड, आसाम, मणिपुर, नागालैण्ड, अरुणाचल, मेघालय व उड़ीसा के लिए कड़ी मेहनत करके सम्पूर्ण पूर्वांचल के अध्यक्ष श्री राजकुमार सेठी तथा महामंत्री श्री अजित जी पाण्ड्या ने अपना ऐतिहासिक सहयोग प्रदान किया। उन्होंने प्रत्येक प्रान्त के विभिन्न पदाधिकारियों का चयन करके समितियों का गठन किया। इसके उपरांत दिनाँक १५ नवम्बर २०१५ को कलकत्ता के बड़ा बाजार, चौरंगी स्थित जैन मंदिर से रथ भ्रमण का शुभारंभ करवाकर
विभिन्न प्रान्तीय पदाधिकारियों के संयोजन से आसाम, मणिपुर, नागालैण्ड आदि प्रान्तों के गाँव-गाँव में रथ का भ्रमण सम्पन्न हुआ।
पश्चिम बंगाल में १५ नवम्बर २०१५ को कलकत्ता, १८ नवम्बर को कानकी, आसाम में १९ नवम्बर को धुवड़ी और बंगाई गांव, २० नवम्बर को बरपेटा, टीहू और नलवाड़ी, २१ नवम्बर को रंगिया, विजयनगर, २२ नवम्बर को गोहाटी, जागीरोड, २३ नवम्बर को बोकाखात और गोलाघाट, नागालैण्ड में २४ नवम्बर को डीमापुर, पुन: आसाम में जोराहाट, २५ नवम्बर को तिनसुखिया, डिब्रूगढ़, २६ नवम्बर को तेजपुर और खारूपेटिया, पुन: पश्चिम बंगाल में २७ नवम्बर को दिनहट्टा, कूचबिहार, बिहार में २८ नवम्बर को किशनगंज, झारखंड में २९ नवम्बर को देवघर, ३० नवम्बर को धनबाद, १ दिसम्बर को ईसरी, मधुबन, २ दिसम्बर को गिरीडीह, कोडरमा, पुन: बिहार में ३ दिसम्बर को गया, पुन: झारखंड में हजारीबाग, रामगढ़कैंट, ६ दिसम्बर को रांची, ७ दिसम्बर को डाल्टनगंज, पुन: बिहार में औरंगाबाद, ८ दिसम्बर को पटना, १० दिसम्बर को भागलपुर, पुन: पश्चिम बंगाल में १२ दिसम्बर से १५ दिसम्बर तक बरहमपुर, खगड़ा, सन्मतिनगर, लालगोला, जंगीपुर, गनकर, औरंगाबाद, धुलियान, पाकुड़ घूमकर पूर्वांचल प्रान्तीय रथ प्रवर्तन का समापन १६ दिसम्बर को बिहार के आरा शहर में हुआ।
इस प्रकार पूर्वांचल के भक्तों में ऋषभगिरि, मांगीतुंगी के लिए होड़ मची और महोत्सव में २४ फरवरी २०१६ को १४२ लोगों ने हवाई जहाज से सामूहिक यात्रा करके भगवान के महामस्तकाभिषेक का पुण्य अर्जित किया। इसी प्रकार गोहाटी आसाम से श्री आनंद-रतनप्रभा सेठी परिवार ने संघपति बनकर १८०० लोगों को रेलयात्रा कराई और मांगीतुंगी लाकर सभी भक्तों को स्वयं की ओर से महामस्तकाभिषेक का अवसर प्रदान कराया। इन सभी भक्तों ने २४ फरवरी को भगवान का अभिषेक करके पुण्यार्जन किया।
इस प्रकार पूर्वांचल प्रान्तीय रथ भ्रमण में मुख्यरूप से राजकुमार सेठी जी एवं अजित पाण्ड्या जी के साथ श्री विजय कुमार पाटनी-तिनसुखिया, श्री विनोद सेठी-डीमापुर, श्री ओमप्रकाश सेठी-डीमापुर, श्री एम.पी. अजमेरा-रांची, श्री अशोक पाण्ड्या-गिरिडीह आदि का सहयोग अविस्मरणीय रहा। विशेषरूप से इस रथ प्रवर्तन में प्रतिष्ठाचार्य पं. नरेश कुमार जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर ने अपनी प्रभावी व्यक्तित्व से समाज को जोड़ने का कार्य किया और उनके साथ पं. प्रवीण चंद जैन शास्त्री-जम्बूद्वीप के द्वारा भी सम्पूर्ण पूर्वांचल में १०८फुट भगवान ऋषभदेव महोत्सव की महती प्रभावना हुई। सम्पूर्ण पूर्वांचल में दिनाँक १५ नवम्बर २०१५ से लगभग १ माह तक ५१ स्थानों पर रथ का प्रवर्तन सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया गया।
इसी प्रकार बिहार प्रदेश में भी पटना, गया, आरा आदि स्थानों पर रथ भ्रमण के कार्यक्रम सानंद सफल हुए, जिसमें महोत्सव समिति के बिहार प्रान्तीय अध्यक्ष श्री अजय जैन-आरा, कार्याध्यक्ष श्री कन्हैयालाल सेठी-औरंगाबाद व मंत्री श्री चिरंजीलाल कासलीवाल-पटना आदि का सहयोग भी सराहनीय रहा।
भारत देश के सभी प्रान्तों में १०८ फुट भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक के प्रचार-प्रसार एवं विशेष धर्मप्रभावना हेतु समिति द्वारा अक्टूबर २०१५ में विश्वशांति कलश यात्रा रथ (द्वितीय) का प्रवर्तन गुजरात प्रान्त से किया गया।
गुजरात प्रान्त में भी विश्वशांति कलश यात्रा रथ के स्वागत का उत्साह समाज में देखते ही बनता था। विशेषरूप से गुजरात प्रान्तीय अध्यक्ष श्री संजय जी दीवान-सूरत ने रथ प्रवर्तन की सफलता हेतु अपनी गहन अभिरुचि से योजनाएं बनाई और सर्वप्रथम दिनाँक १८ अक्टूबर २०१५, रविवार को पर्वतपाटिया दिगम्बर जैन मंदिर-सूरत से रथ भ्रमण का ठाट-बाट के साथ शुभारंभ हुआ। सूरत के प्रत्येक दिगम्बर जैन मंदिरों में रथ का भ्रमण हुआ और सम्पूर्ण समाज ने भरपूर उत्साह के साथ भाग लेकर रथ प्रवर्तन को सफल बनाया। सूरत में अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव-मांगीतुंगी की प्रभावना हेतु संजय जी दिवान के साथ अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपना सहयोग प्रदान किया, जिनमें श्री विजय बड़जात्या (विजू भाई), श्री नीलेश छाबड़ा, श्री नेमीचंद पिराका, श्री नंदकिशोर विनायका, श्री सुरेश पाटनी, श्री अशोक बड़जात्या (फूफा), श्री कमलेश गांधी, श्री ऋषभ लोणदिया, श्री अनिल लोणदिया आदि महानुभावों का सहयोग प्रमुख रहा। सूरत में महोत्सव की प्रभावना हेतु शाह पब्लिसिटी के यशवंत भाई शाह का सहयोग भी सराहनीय रहा।
सूरत के उपरांत अहमदाबाद की तरफ रथ का प्रवर्तन हुआ, जिसमें दिनाँक २७ अक्टूबर २०१५ को अंकेश्वर, २८ अक्टूबर को भरूच, २९-३० अक्टूबर को बड़ौदा, ३१ अक्टूबर को आणंद, करमसद, १ नवम्बर २०१५ को नड़ियाद, पेटलाद, २ नवम्बर को दाहोद, संतरामपुर, ३ नवम्बर को भिलोड़ा, विजयनगर, ४ नवम्बर को ईडर, ५ नवम्बर को हिम्मतनगर, ६ नवम्बर को तलोद एवं ७ नवम्बर २०१५ को गांधीनगर में रथ भ्रमण का आयोजन सानंद सफल हुआ। सभी स्थानों पर समाज ने रथयात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने परिवार की ओर से भगवान के महामस्तकाभिषेक हेतु मंगल कलश आरक्षित कराए। इसके उपरांत १७ नवम्बर से रथ पुन: प्रारंभ हुआ और मेहसाणा, प्रान्तेज, सलाल, रखियाल, दहेगांव, सोजित्रा के उपरांत २२ नवम्बर को पादरा में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इसके उपरांत रथ भ्रमण का कार्यक्रम विशेष तैयारियों के साथ दिनाँक २६ नवम्बर २०१५ से अहमदाबाद में शुरू किया गया। रथ का शुभारंभ दि. जैन मंदिर, हाटकेश्वर से भव्य आयोजन के मध्य किया गया, जिसमें कर्मयोगी पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी ने अपना मंगल सान्निध्य प्रदान किया। इस अवसर पर विशेषरूप से अहमदाबाद की मेयर मीनाक्षी बेन पटेल एवं तत्कालीन कारपोरेटर तथा वर्तमान के मेयर श्री गौतम भाई शाह (जैन) ने स्वस्तिक बनाकर रथ का उद्घाटन किया। समस्त कार्यक्रम में गौतम भाई शाह ने सभी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया और समाज को भी मांगीतुंगी से जुड़ने की प्रेरणाएं प्रदान कीं। यह रथ प्रवर्तन लगातार दिनाँक १३ दिसम्बर २०१५ तक अहमदाबाद की प्रत्येक कालोनियों में प्रात:, मध्यान्ह एवं रात्रि अलग-अलग समय में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इसके उपरांत १६ दिसम्बर २०१५ को नवसारी एवं १७ दिसम्बर २०१५ को वापी में रथ भ्रमण के साथ गुजरात प्रान्तीय रथ प्रवर्तन का समापन किया गया।
अहमदाबाद महानगर में भारी उल्लास के साथ स्थानीय समाजों ने रथ का स्वागत किया। सम्पूर्ण रथ प्रवर्तन में fिवशेषरूप से महोत्सव समिति-अहमदाबाद के परम संरक्षक श्री सौभाग्यमल कटारिया, श्री विजय जैन (सासनी वाले), अध्यक्ष श्री आर.सी. गांधी एवं महामंत्री बनाये गये श्री सजन जैन (बंटी) व श्री लोकेश कोडिया आदि ने कड़ी मेहनत की। साथ ही सेटेलाइट एरिया में श्री आर.सी.गांधी के साथ श्री ऋषभ जैन का भी उल्लेखनीय सहयोग रहा।
अहमदाबाद में सभी पदाधिकारियों के द्वारा की गई मेहनत के परिणामस्वरूप ही दिनाँक २७ फरवरी को अहमदाबाद व आसपास के शहरों से लगभग १०८ बसों का आगमन अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव-ऋषभगिरि में हुआ और सभी भक्तों ने भगवान का महाभिषेक करके पुण्यार्जन किया। गुजरात प्रान्तीय रथ प्रवर्तन में विशेषरूप से प्रतिष्ठाचार्य पं. सतेन्द्र कुमार जैन-तिवरी ने रथ का कुशल संचालन करके महोत्सव के प्रति समाज को जागृत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रथ का भ्रमण महाराष्ट्र प्रान्त में भी खूब धर्मप्रभावना के साथ हुआ। सर्वप्रथम मुम्बई महानगर के भिवंडी से दिनाँक १८ दिसम्बर २०१५ को रथ का शुभारंभ हुआ और १ जनवरी २०१६ तक सम्पूर्ण मुम्बई में रथ का भ्रमण होकर बोरीवली में इसका समापन किया गया। मुम्बई महानगर में रथ भ्रमण के अवसर पर विशिष्ट सहयोगियों में रथ संयोजक-पं. भरत कुमार काला-बोरीवली, मंत्री-श्री मुकेश शाह-बोरीवली, मुम्बई रथ समिति अध्यक्ष-श्री पिनाकिन शाह-खार, पण्डित महिपाल जैन-बोरीवली एवं श्री किरण दोशी-गुलालवाड़ी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ केन्द्रीय महोत्सव समिति के मंत्री एवं प्रतिष्ठाचार्य पं. विजय जैन-जम्बूद्वीप ने भी उत्तम प्रयासों के साथ रथ भ्रमण को सफल बनाया।
मुम्बई के उपरांत महाराष्ट्र में ३ जनवरी २०१६ से रथ आगे की ओर प्रवर्तित हुआ। जिसमें सर्वप्रथम ३ जनवरी को नासिक भ्रमण के उपरांत ओझर, मालेगांव, नांदगांव, मनमाड़, कोपरगांव, शिर्डी, श्रीरामपुर व दौंड करके १५-१६ जनवरी को पुणे में प्रवर्तित किया गया। इसके उपरांत नीरा, लोणंद, फलटण, बारामती, अकलूज, नांदेड़, परभणी, नागपुर, वर्धा, पुलगांव, अमरावती, परतवाड़ा, पुसद, कारंजालाड, वाशिम, मालेगांव, शिरपुर-अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ, हरसी एवं देवलगांवराजा में रथ प्रवर्तित किया गया और १ फरवरी से ४ फरवरी २०१६ तक औरंगाबाद शहर में रथ का भ्रमण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। पश्चात् मांगीतुंगी आगमन के उपरांत ८ फरवरी २०१६ को सटाणा में महाराष्ट्र प्रान्तीय रथ भ्रमण का कार्यक्रम सानंद सम्पन्न किया गया।
महाराष्ट्र में रथ भ्रमण का कार्यक्रम अति सफलता को प्राप्त हुआ तथा सभी स्थानों से भक्तों ने महोत्सव में पधारकर भगवान के महामस्तकाभिषेक का पुण्य अर्जित किया। महाराष्ट्र में रथ भ्रमण के दौरान महाराष्ट्र प्रान्तीय अध्यक्ष संघपति श्री प्रमोद कासलीवाल-औरंगाबाद के साथ विशेषरूप से औरंगाबाद रथ भ्रमण में श्री ललित पाटनी (अध्यक्ष-औरंगाबाद जैन समाज), ऑ. श्री माणिकचंद बड़जाते, श्री मनोज साहू जी, श्री निलेश काला, श्री विजय पापड़ीवाल, श्री पवन पापड़ीवाल, श्री विनोद लोहाड़े आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इसके अलावा महाराष्ट्र प्रान्तीय समिति के अन्य पदाधिकारियों ने भी समय-समय पर अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया।
इस प्रकार महाराष्ट्र के रथ भ्रमण में सुजाता जी शाह-पुणे, श्री अजित पाटिल-पुणे, श्री पंकज शाह-पुणे, श्री राजाभाऊ पाटनी-नासिक, श्री सुशील शाह-दौंड, श्री प्रद्युम्न गांधी-अकलूज, श्री बाबूभाई शाह-अकलूज, श्री सुनील पेंढारी-नागपुर आदि सभी स्थानों के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।
दोनों रथ प्रवर्तन के कार्यक्रम में विद्वानों के साथ हस्तिनापुर स्टाफ की ओर से सतीश जैन, शैलेन्द्र जैन, नेमीचंद पाटील आदि का योगदान भी सराहनीय रहा।