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अयोध्या
मुनिराज बनके, जिनराज बनके!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
मुनिराज बनके
तर्ज—कभी राम बनके……
मुनिराज बनके, जिनराज बनके,
चले आए, महावीर चले आए।।टेक.।।
कौशाम्बी की है एक घटना।
जहाँ बेड़ियों में जकड़ी थी चन्दना।।
उ
द्धार करने, संकट टालने उसके,
चले आए, महावीर चले आए।।१।।
देखा चन्दना ने जब महावीर को।
आंसू भरकर पुकारा उसने वीर को।।
आवाज सुनके, बंधन काटने उसके,
चले आए, महावीर चले आए।।२।।
टूटी बेड़ियाँ चन्दना की तत्क्षण।
ज्यों ही हुआ महावीर का दर्शन।।
वीतराग बनके, उसका भाग्य बनके,
चले आए, महावीर चले आए।।३।।
श्रद्धा भक्ति से पड़गाया प्रभु को।
दिया चन्दना ने आहार प्रभु को।।
चमत्कार करने, आहार करने,
चले आए, महावीर चले आए।।४।।
गणिनी ज्ञानमती माता ने बताया।
इसी इतिहास को दर्शाया।
चिरस्थाई बनके, तीरथ धन्य करने,
चले आए, महावीर चले आए।।५।।
जिला कौशाम्बी में तीर्थ प्यारा।
‘‘चन्दनामति” प्रभाषगिरी न्यारा।।
उसकी कीर्ति बनके, नूतन तीर्थ बनके,
चले आए, महावीर चले आए।।६।।
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