विश्व का आश्चर्य बनने वाली १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा का निर्माण पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से, उनके आशीर्वाद से एवं उनकी आज्ञा से, आगम अनुसार करने हेतु जयपुर की प्रतिष्ठित मूर्तिकार फर्म ‘मूलचंद रामचंद नाठा फर्म’ के प्रमुख श्री सूरज नारायण नाठा परिवार का सम्मान महोत्सव समिति द्वारा दिनाँक १६ फरवरी को सायंकाल भव्यता के साथ किया गया। इस अवसर पर नाठा परिवार के सभी सदस्यगण भी मंच पर उपस्थित हुए, जिनमें पुत्रवधूएं श्रीमती मंजू नाठा, श्रीमती अनीता नाठा, पौत्र-आशीष नाठा-स्मृति नाठा, प्रपौत्र रिदम, अनय नाठा तथा पौत्री अर्पणा नाठा ने पधारकर सम्मान स्वीकार किया।
विशेषरूप से मूर्ति निर्माण का समस्त कार्य संभालने वाले युवारत्न श्री आशीष नाठा की सूझबूझ एवं कार्य समायोजन क्षमता को समिति ने खूब सराहा और सूरज नारायण जी नाठा सहित परिवार के सभी सदस्यों को तिलक, माल्यार्पण, प्रतीकचिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट करके बेशकीमती उपहार भी भेंट किये। इस अवसर पर प्रशस्ति पत्र के माध्यम से नाठा जी को समिति द्वारा ‘‘विलक्षण शिल्पी’’ उपाधि से सम्मानित करके गौरव का अनुभव किया गया। सभी ने इस विश्व स्तरीय प्रतिमा की मूर्ति कला-कौशल, सौन्दर्य, आकर्षक भावभंगीमा, मनोहारी चेहरा एवं शिख से लेकर पैर तक सम्पूर्ण मूर्ति के आकार को तथा मूर्ति के आजू-बाजू निर्मित चक्रेश्वरी माता, गोमुख देव व मूर्ति के नीचे बने बैल चिन्ह सहित समूचे निर्माण की भूरि-भूरि प्रशंसा की और प्रतिमा निर्माण के कार्य की महानता को अकथनीय बताया।