[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञ दीक्षा–Yagya Deeksha. Consecrational–initiation; giving particular vows to worshippers for a particular time period of Panch–Kalyanak, Vidhan etc. to become Indras by the Partishthacharya. पंचकल्याणक प्रतिष्ठा; इन्द्रध्वज विधान आदि में इन्द्रो (यजमान) के लिए कराई जाने वाली एक विशष विधि; जिसमेहाथ में कंकण बांधकर पूजापर्यन्त ब्रह्मचर्य व्रत, एकासन आदि का नियम कराया जाता है, इस विधि के पश्चात्उन्हेंसूतक–पातक नहीं लगता”