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यह ज्ञानज्योति सर्वदा जलती ही रहेगी!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
यह ज्ञानज्योति सर्वदा जलती ही रहेगी।
तर्ज—इस जग में जो आया उसे……
यह ज्ञानज्योति सर्वदा जलती ही रहेगी।
अज्ञान अन्धकार को हरती ही रहेगी।।टेक.।।
इस ज्योति के भ्रमण ने जम्बूद्वीप बताया।
करणानुयोग शास्त्र का सिद्धान्त सुनाया।।
यह वीर की…… यह वीर की वाणी सदा चलती ही रहेगी-२
अज्ञान अन्धकार को हरती ही रहेगी।।
यह ज्ञानज्योति……।।१।।
इक स्वप्न कोटि वर्ष पूर्व नृप ने था देखा।
पर्वत सुमेरु जिसपे प्रभु का न्वहन हुआ था।।
उस मेरु की…… उस मेरु की साकारता वहाँ आज मिलेगी-२
अज्ञान अन्धकार को हरती ही रहेगी।। यह ज्ञानज्योति……।।२।।
वह हस्तिनापुरी जहाँ चक्रीश थे जन्मे।
शान्तीश प्रभु का राज्य जिसे देव भी नमें।।
तीर्थस्थली…… तीर्थस्थली की कांति यों बढ़ती ही रहेगी-२
अज्ञान अन्धकार को हरती ही रहेगी।। यह ज्ञानज्योति……।।३।।
माँ ज्ञानमती से ये ज्ञानदीप है जला।
अनुपम विषय जो ‘चंदनामति’ विश्व को मिला।।
यह दीपशिखा…… यह दीपशिखा सर्वदा जलती ही रहेगी-२
अज्ञान अन्धकार को हरती ही रहेगी।। यह ज्ञानज्योति……।।४।।
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