गुड स्वास्थ्य के लिए चीनी से अधिक स्वास्थ्यप्रद है। खाँसी में दूध पीना बंद नहीं करना चाहिए। चोट लगने, जलने, बुखार इत्यादि में भोजन अधिक मात्रा में लेना चाहिए। दही, गन्ने का रस निमोनिया में देने में कोई हानि नहीं होती। दाल से गैस नहीं बनती। बीमारी में दाल चावल दिया जा सकता है। मधुमेह में चावल निषिद्ध नहीं है। तेल, घी से अधिक स्वास्थ्यप्रद है। चाय, काफी में कैफीन पाया जाता है। कैफीन चिंता व निराशा, पैदा करता है। काफी गैस उत्पन्न करती है, पेप्टीक अल्सर, उच्च रक्त चाप, अनिद्रा एवं गुर्दे खराब करती है। डिब्बे बंद जैली, अचार, फलों के रस में बेन्जौइक एसिड व सोडियम बेन्जौइड मिलाया जाता है जो हानिकारक है। गन्ने के रस में विटामिन बी ग्रुप के सभी गुण होने के कारण यह श्रेष्ठ किस्म का नर्व टानिक है। नीबू रस व नमक मिलाकर सेके गये अजवाइन, सौंफ और हरड़ खाने से तम्बाकू और पानमसाला खाने की आदत से बचा जा सकता है।