वजन कम करना चाहने वाले लोग कई तरह की डाइट पर चलकर वजन कम करने का प्रयास करते रहते हैं। कभी बिना वसा, कभी बिना चीनी तो कभी किसी अन्य प्रकार की डाइट पर चलकर वजन कम करने का प्रयास करते हैं और असफल होने पर निराश हो जातें हैं । ऐसे लोग डाइट पर तो चलते हैं पर अपना वजन कम करने में असफल रहते हैं । आप हैरान होंगे कि इसका कारण यह नहीं है कि आप क्या खा रहें हैं बल्कि इसका कारण यह है कि आप क्या नहीं खा रहे हैं। प्रसिद्ध पोषण विशेषज्ञ स्मृति शर्मा ने ऐसे लोगों का वजन कम न होने के कारण बतायें हैं।
भूखे रहना
बहुत से लोग डाइटिंग का अर्थ भूखे रहना समझते हैं। जब तक उन्हें भूख न सताये, उन्हें लगता ही नहीं कि उन्होंने डाइटिंग की है लेकिन भूखे रहना वजन कम करने का सबसे गलत ढंग है। जब आप भूखे रहते हैं तो आपकी चयापचय दर कम हो जाती है और आपका शरीर अपने अन्दर चर्बी जमा करने लगता है। सम्भव है कि आपको लगे कि आपका वजन कुछ कम हुआ है परन्तु वास्तव में आपकी चर्बी कम नहीं हुई बल्कि आपकी मांसपेशियां कम हुई हैं। इससे आपकी चयापचय की दर और कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त आपके शरीर में वैल्शियम, लौह—तत्व और विटामीन बी काम्पलेक्स की कमी हो सकती है जिससे वजन कम करने की दर और कम हो जायेगी।
भोजन छोड़ना
कई लोग सोचते हैं कि यदि आपने रात को भारी खाना खा लिया है तो अगले दिन नाश्ता छोड़ दें लेकिन यह वजन कम करने की प्रक्रिया के लिये बहुत अधिक घातक है। जो व्यक्ति हर तीन चार घंटे बाद कुछ खा लेता है, वह अपनी चयापचय दर सही बनाए रखता है पर जो लोग अधिक देर के पश्चात खाते हैं, उनकी चयापचय दर कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त अगर आपने एक समय का खाना नहीं खाया तो आपको भूख लग आयेगी। तब आप उच्च वैलोरी वाले स्नैक खा लेंगे या अगले भोजन के समय अधिक खाना खा जायेंगे जिससे वैलोरियों की संख्या में वृद्धि ही होगी।
कम पानी पीना
पानी न केवल हमारी प्यास बुझाने के लिए अतिआवश्यक है बल्कि गुद्र्रों और लिवर के सही कार्य करने के लिए भी बहुत आवश्यक है। हमारी वसा का चयापचय लिवर में ही होता है। हमें शारीरिक कार्य जैसे सैर करते समय, दौड़ते समय या खेलते समय आधे से एक लिटर पानी अवश्य पीना चाहिए ।
निष्क्रिय जीवन शैली
कई शोधों से पता चल चुका है कि जो लोग शारीरिक व्यायाम नहीं करते और डाइटिंग करते हैं, उनके सही वजन पर पहुंचने की संभावना बहुत कम है जबकि जो लोग डाइट कंट्रोल के साथ नियमित व्यायाम भी करते हैं उनके सही वजन तक पहुंचने की संभावना अधिक होती है। वैसे भी मनुष्य बहुत अधिक समय तक अपने मन को काबू में नहीं रख सकता और अधिक समय तक नीरस भोजन भी नहीं खा सकता । अत: नियमित व्यायाम करने से आप अपने वजन को पुन: बढ़ने से रोक सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से सक्रिय रहते हैं तो आपको सख्त डाइटिंग की आवश्यकता नहीं है और न केवल आपका वजन कम होता है बल्कि आपके नाप में भी कमी आती है।
बार—बार वजन कम करना
बहुत से लोगों का वजन ऊपर से नीचे होता रहता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका कोई अन्त नहीं है। ऐसे लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है। शोधों के अनुसार यदि आप बार—बार वजन बढ़ाते और कम करते हैं तो आपको उतना ही वचन कम करने में ५ गुना अधिक श्रम करना पड़ सकता है, अत: यदि एक बार वजन कम हो जाए तो उसे पुन: न बढ़ने दें।
वसा छोड़ देना
मूलत: वसा ही मोटापे की जड़ होती है अत: अपने भोजन से वसा को बिल्कुल हटा देना सही हल लगता है पर वसा से हमें कई लाभ भी है । भोजन में वसा होने से शीघ्र संतुष्टि का अनुभव हो जाता है और हम कम खाते हैं। इसके अतिरिक्त विटामिन ‘ए’ ‘डी’ ‘ई’ और ‘के’ वसा में घुलनशील है और वसा के माध्यम से वे शरीर द्वारा ग्रहण किए जाते हैं। वसा से हमें ओमेगा थ्री और ओमेगा ६ फैटी ऐसिड मिलते हैं जो रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम कर देते हैं। वैसे भी वसा हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के इर्द—ाqगर्द रक्षक का कार्य करती है और उन्हें चोटों से बचाती हैं, इसलिए हम केवल खाने की गलत आदतों के कारण मोटे होते हैं।
क्या करें
अपने खाने की आदतों को धीमी गति से पर स्थाई रूप से बदलें। एक एक बुरी आदत के बदले एक एक अच्छी आदत अपनाते जायें। नियमित व्यायाम को अपनी जीवन शैली का स्थाई अंग बना लें। फल व सब्जियां नियमित खाएं और अधिक से अधिक पानी पिएं। प्रयास करें कि आपके साथ कोई स्वस्थ कम वैलोरी वाला स्नैक सदा रहे। अपना आगामी भोजन अगले ३ घंटे के कार्यों के अनुसार तय करें। उदाहरणार्थ यदि आप तीन घंटे हेतु किसी मीटिंग में जा रहे हो तो जाने से पूर्व हलका सा भुना हुआ स्नैक ले लें ताकि आपको भूख न लगे।