Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
ये तो जिनवर का दरबार है!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
ये तो जिनवर का दरबार
तर्ज—जिंदगी प्यार का गीत है……
ये तो जिनवर का दरबार है, यहाँ भक्ती ही करना पड़ेगा।
प्रभु के पद में ही शिवद्वार है, उस पे क्रम से ही चलना पड़ेगा।।
देवपूजा गुरूपास्ति कर, फिर है स्वाध्याय संयम व तप।
दान ये मिजलके षट्कार्य हैं, इन्हें श्रावक को करना पड़ेगा।।१।।
देशव्रत अरु महाव्रत को भी, शक्ति अनुसार पालों सभी।
इनसे ही मिलता शिवद्वार है, इनका पालन तो करना पड़ेगा।।२।।
ध्यान की साधना भी करो, आत्म आराधना भी करो।
मिलता पद इससे परमात्म है, किन्तु निज में तो रमना पड़ेगा।।३।।
‘‘चन्दनामति’’ यही साधना, पूर्ण कर देगी हर भावना।
ज्ञान स्वाध्याय के बाद भी, आचरण शुद्ध करना पड़ेगा।।४।।
Previous post
सरयू नदी की धार यशोगान कर रही!
Next post
समवसरण दर्शन करो!
error:
Content is protected !!