रोज खाइए एक सेब रहिए निरोग। सेब पोषक तत्वों से भरपूर एक ऐसा अद्भुत फल है, जो मनुष्य के शरीर का सम्पूर्ण रूप से पोषण करता है। सेब वात—पित्त नासक, कफहारी, शीतल और हृदय के लिए हितकारी है।
१. प्रात: खाली पेट एक या दो सेब छीलकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर खूब चबा—चबा कर खाएं और ऊपर से गर्म पानी या दूध पी लें। यह उपाय पुराने व नये दोनों ही सिरदर्द में लाभप्रद है।
२. पेट में कीड़े हो गये हों तो रात को सोते समय रोज दो सेब १५ मिनट तक खाएं। पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर आ जाएंगे। इसके लिए रात को सेब खाने के उपरान्त सुबह पानी नहीं पीना है।
३. सेब दिमागी कमजोरी को दूर करता है । एक या दो सेब को छिलके सहित चबा—चबा कर भोजन से दस—पन्द्रह मिनट पूर्व खाने से मस्तिष्क की दुर्बलता कम होकर स्मरण शक्ति बढ़ती है।
४. बच्चों को दूध न हजम होता हो , दूध पीते ही उल्टी या दस्त आते हों तो दूध बंद कर थोड़े समय के बाद सेब का रस पिलाने से आराम मिलता है । दस्त में सेब बिना छिलके वाला ही देना चाहिए।
५. दांतों से खून आ रहा हो तो सेब का रस सोडा के साथ मिलाकर दांतों पर मलें। इससे दातों से निकलने वाला खून बन्द हो जाता है और उन पर जमी पपड़ी भी दूर हो जाती है।
६. सेब के एक टुकड़े को काटकर छिलका उतारकर, कूटकर दु:खती हुई आंख के ऊपर रखकर साफ मलमल की पट्टी बांधने से लाभ होता है। इससे दु:खती हुई आंखें ठीक हो जाती हैं।
७. सेब का रस नियमित रूप से पीते रहने से आंतों में घाव या शोथ होने पर भी आराम मिलता है। सेब का मुरब्बा एक माह तक लगातार खाने से हृदय की दुर्बलता एवं दिल का बैठना ठीक हो जाता है।