रोहिणी व्रत –
आकाश में जब रोहिणी नक्षत्र का उदय होता है तब इस व्रत को किया जाता है ।हर सत्ताइस दिन में यह व्रत आता है ।
यह व्रत ३ वर्ष- ५ वर्ष – ७ वर्ष या ९ वर्ष तक यह व्रत किया जाता है ।
इस व्रत में भगवान वासुपूज्यनाथ की पूजन और जाप्य करते हैं ।
विशेष – जम्बूद्वीप – हस्तिनापुर से १०८ व्रत की पुस्तक मँगाकर पूरी तरह से इस व्रत को सम्पन्न कर सकते हैं ।