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अक्सर कहा जाता है कि छोटे कद के लोगों का दिमाग भी उनके कद की तरह छोटा होता है और लम्बे लोग ठिगने लोगों की अपेक्षा ज्यादा कमाई करते हैं। साथ ही यह धारणा भी है कि ईश्वर ने लम्बे लोगों को चुस्त दिमाग प्रदान किया है परन्तु न्यूयार्क में हुए एक अध्ययन ने इस धारणा को गलत साबित कर दिखाया है। शोध के मुताबिक लम्बे व्यक्तियों में अधिक दिमाग का होना या उनका छोटे कद वाले व्यक्तियों की अपेक्षा ज्यादा तरक्की पाना उनकी मानसिकता के कारण होता है। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार लम्बे व्यक्ति अधिक सफल इसलिए होते हैं क्योंकि उन्हें हर तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त होती है जबकि छोटे कद वाले व्यक्ति स्वयं को हीन महसूस करते हुए हीनभावना के शिकार हो जाते हैं और उनके अंदर नकारात्मक भाव उपजने लगते हैं। उन्हें लगता है कि कोई पसंद नहीं करता, वे कुछ भी नहीं कर सकते इत्यादि। उनकी यही नकारात्मक सोच उनके काम पर भी असर डालती है और वे किसी भी कार्य को बेहतर ढंग से अंजाम नहीं दे पाते। इसके विपरीत लम्बे कद के व्यक्तियों को हर जगह से सराहना मिलती है क्योंकि नौकरी के कितने ही क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें लम्बे कद के व्यक्तियों को ही वरीयता प्रदान की जाती है। साथ ही अभिनय के क्षेत्र में भी लम्बे लोगों को काम मिलने की काफी संभावना होती है। जब उन्हें दूसरों से सराहना मिलती है तो उनके अंदर नया जोश , उत्साह पैदा होता है व मन में कभी नकारात्मक विचारों का स्थान प्राप्त नहीं होता। इसका असर उनकी परफारमेंस पर भी पड़ता है और वे अपने काम को अच्छे ढंग से कर पाते हैं । अध्ययन में यह भी पाया गया कि जब छोटे कद के व्यक्ति किसी काम की तलाश में निकलते हैं और उन्हें काम मिल भी जाता है तो वे ऑफिस में कद के कारण अपनी सही इमेज नहीं बना पाते। लोगों की फब्तियां व घूरती निगाहों का उनके मन पर गलत प्रभाव पड़ता है और वे हीनभावना के शिकार हो जाते हैं।