लवण समुद्र में ५१०-४८/६१ योजन प्रमाण वाले दो गमन क्षेत्र हैं उन १-१ क्षेंत्रों में २-२ सूर्यचंद्र संचार किया करते हैं एक-एक चंद्र के परिवार में पूर्वोक्त प्रमाण ग्रह, नक्षत्र, तारे कहे गये हैं।