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बारात ३० मिनट लेट तो लौट जाएंगे मेहमान दुल्हन का मेकअप पसीजने लगा, खाना भी ठंडा हो चला, लड़की के पिता के चेहरे पर घबराहट साफ नजर आ रही थी, मुहूर्त अलग निकला जा रहा था, लेकिन इन सब बातों से दूल्हें और उसके दोस्तों को कोई लेना-देना ही नहीं। वे तो नाचने और आतिशबाजी में मस्त थे ओर लड़की वालों को तो हाथ जोड़ना ही थे। बहरहाल, नए साल में ऐसे हालात नहीं बनेंगे। खासतौर पर खंडेलवाल दिगंबर जैन समाज में। इस समाज में विवाह के मुहूर्त का पालन नहीं किया गया तो उपस्थित समाजजन आधा घंटा तो रूकेगे, फिर हाथ जोड़कर चले जाएंगे। शादी करना है तो दल्हे को तय मुहूर्त में पहुंचना ही होगा। लेटलतीफी को रोकने के लिए यह निर्णय खंडेलवाल दिगंबर जैन पंचायत पार्श्वनाथ मंदिर ने सामाजिक स्तर पर लिया और एक आचार संहिता बनाई। आचार संहिता १ जनवरी २०१५ से लागू हुई। इसमें साफ है कि शादी की पत्रिका में लिखे वैवाहिक कार्यक्रम के अनुसार ही सब कुछ हो। वरमाला व अन्य रस्म पूरी होने के बाद ही किसी व्यक्ति विशेष का स्वागत-सत्कार हो। ऐसे लाएंगे जनजागृति जिन परिवारों में वैवाहिक आयोजन होने वाले हैं उनके यहां समाज के पदाधिकारी जाकर आचार संहिता की जानकारी देंगे। समाज के आयोजनों में बैनर पोस्टर लगेंगे। नियमों का पालन करने वालों का सम्मान होगा। इन्होंने भी की पहल माहेश्वरी समाज ने २१ से अधिक व्यंजन बनाने पर दो वर्षों से रोक लगा रखी है। समय-समय पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सामाजिक आचार संहिता का पालन करने वालों का सम्मान भी किया जाता है। ये हैं आचार संहिता
समय की पाबंदी के साथ सगाई, विवाह। आशीर्वाद समारोह में १६ से अधिक व्यंजन बनाने पर रोक। बारात निर्धारित समय पर निकले और विवाह स्थल पहुंचे। चौराहे व सघन यातायात वाले स्थल पर नाच-गाना न हो। महिला संगीत में सिर्फ पारिवारिक सदस्य शामिल हो।
लेटलतीफी रोकना मकस-लेटलतीफ और फिजूलखर्ची को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे इन समस्याओं का भी समाधान होगा।