इन सूर्य और चन्द्र के प्रत्येक (विमानों को) आभियोग्य जाति के ४००० देव विमान के पूर्व में सिंह के आकार को धारण कर, दक्षिण में ४००० देव हाथी के आकार को, पश्चिम में ४००० देव बैल के आकार को एवं उत्तर में ४००० देव घोड़े के आकार को धारण कर (इस प्रकार १६००० देव) सतत खींचते रहते हैं।
इसी प्रकार ग्रहों के ८०००, नक्षत्रों के ४००० एवं ताराओं के २००० वाहन जाति के देव होते हैं।
गमन में चन्द्रमा सबसे मंद है। सूर्य उसकी अपेक्षा शीघ्रगामी है। सूर्य से शीघ्रतर ग्रह, ग्रहों से शीघ्रतर नक्षत्र एवं नक्षत्रों से भी शीघ्रतर गति वाले तारागण हैं।