पूर्व नाम ग्राम : श्री उमेश कुमार जैन
: समसाबाद आगरा (उ.प्र.) श्री पूरनचन्द जी,
रामवेटी जैन पिता, माता 8वीं जन्म,
शिक्षा परिवार : भाई- 4, बहन 2 ‘
वैराग्य : गुरू का सत्संग, सदुपदेश
ब्रह्मचर्य व्रत : 19.02.03 महावीरजी (राज.)
क्षुल्लक दीक्षा : 24.05.04 नागपुर (महा.)
नाम : क्षुल्लक विकसंतसागर जी
दीक्षा गुरु : प.पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
मुनि दीक्षा पुन: दीक्षा : 13.02.06 श्रवणबेलगोला
(कर्ना.) : 05.05.13 इन्दौर (महा.)
नाम : मुनि श्री विकसंतसागर जी
दीक्षा गुरु : प.पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
अध्ययन, मनन, चिन्तन, जाप्य
चातुर्मास : मैनपुरी, अकोला, नलखेड़ा तुंकुर एक्सीडेन्ट में आप और मुनि विलसंत सागरजी के साथ आपका एक्जेस्टिंग न होने के कारण आपने भी दीक्षा छेद करली वर्तमान में आप बा. ब्र. के रूप में आ. सिद्धान्त सागरजी के साथ धर्म साधना रहे। अब पुनः दीक्षित है।