1.अध्ययन कक्ष भवन के पश्चिम—मध्य क्षेत्र में बनाना अतिलाभप्रद है, इस दिशा में बुध—गुरु—चन्द्र एवं शुक्र चार ग्रहों से उत्तम प्रभाव प्राप्त होता है। इस दिशा के कक्ष में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को बुध ग्रह से बुद्धि वृद्धि, गुरु ग्रह से महत्वाकांक्षा एवं जिज्ञासु बुद्धि, चन्द्रगृह से नवीन विचारों की वृद्धि और शुक्रग्रह से प्रतिभा वकतृव एवं लेखन कला में निपुणता और धन वृद्धि होती है।
2.अध्ययनकक्ष में विद्यार्थी की टेबल पूर्व उत्तर—ईशान या पश्चिम में रहना चाहिए। दक्षिण आग्नेय व नेऋत्य या उत्तर—वायव्य में नहीं होना चाहिए।
3.अध्ययन कक्ष में खिड़की या रोशनदान पूर्व—उत्तर या पश्चिम में होना श्रेष्ठ या दक्षिण में सम्भवतया नहीं रखे।
4.अध्ययन कक्ष में शौचालय कदापि नहीं बनाए।
5.अध्ययन कक्ष की रंग संयोजना सफेद, बादामी, फीका, आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दिवालों पर टेबल या फर्नीचर पर श्रेष्ठ है। काला, लाल, गहरा नीला रंग कमरे में नहीं होना चाहिए।
6.अध्ययनकक्ष का प्रवेश द्वार पूर्व उत्तर—मध्य या पश्चिम में रहना चाहिए। दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर—वायव्य में नहीं होना चाहिए।
7.अध्ययन कक्ष में अभ्यास पुस्तकें रखने की रेक एवं टेबल उत्तर दिशा की दिवाल से लगी होनी चाहिए।
8.अध्ययन कक्ष में पेय—जल, मन्दिर, घड़ी उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
9.अध्ययन कक्ष में टी. वी. मेग्जीन एवं अश्लील साहित्य व सीडी प्लेयर एवं विडियो गेम, रद्दी अखबार, अनुपयोगी सामान एवं भारी वस्तुएं न रखें।
10.अध्ययनकक्ष में आदर्शवादी चित्र, सरस्वती माता एवं गुरुजनों के चित्र लगाना चाहिए।
11.युद्ध, लड़ाई झगड़े, हिंसक पशु—पक्षियों के चित्र व र्मूितयाँ नहीं रखना चाहिए।
12.अध्ययन कक्ष में शयन नहीं करें।
13.अध्ययन कक्ष को अन्य कक्षों के जमीनी तल से ऊँचा या नीचा नहीं रखे। तल का ढाल पूर्व या उत्तर की ओर रखा जाए। 14.अध्ययन कक्ष में केवल ध्यान, अध्यात्म, वाचन, चर्चा एवं अध्ययन ही करना चाहिए। गपशप भोग—विलास की चर्चा एवं अश्लील हरकतें नहीं करना चाहिए।
15.अध्ययन कक्ष में जुते चप्पल मोजे पहन कर प्रवेश नहीं करना चाहिए।
16.अध्ययन टेबल की संयोजना—
1.टेबल हमेशा आयताकार होना चाहिए, गोलाकार या अण्डाकार नहीं होना चाहिए।
2.टेबल की टाप का रंग सफेद दूधिया, या क्रीम श्रेष्ठ है, या अन्य रंग फीके हल्के कलर हों तो श्रेष्ठ है। प्लेन ग्लास भी रख सकते हैं।
3.टेबल पर अध्ययन करते समय विषय से सम्बन्धित पुस्तवेंâ व आवश्यक इन्स्टू्रमेन्ट ही रखें।
4.बन्द घड़ी, टूटे—फूटे व बन्द पेन, धारदार चाकु, हथियार व औजार कदापि नहीं रखे।
5.टेबल पर एक क्रिस्टल ग्लोब, स्टेण्ड केलेन्डर व फ्लावर पॉट रखें।
6.कम्प्यूटर टेबल पूर्व मध्य या उत्तर मध्य में रखें। ईशान में नहीं रखें।
7.अध्ययन टेबल व कुर्सी के ऊपर सीढ़ियाँ, बीम—कॉलम व डक्ट, टांड नहीं हो।
8.स्वीच बोर्ड आग्नेय या वायव्य में रखें। ईशान पर नहीं हो।
9.अध्ययन कक्ष के मन्दिर में सुबह—शाम कपूर या शुद्ध घी का दीपक व हल्की खुशबु की अगरबत्ती अवश्य लगाए। 17.कक्ष के तल पर कोटा स्टोन या मार्बल व टाईल्स की रंग संयोजना सफेद, क्रीम, बदामी रंग का उपयोग करें। 18.अध्ययन कक्ष की उत्तर या पूर्व दिवाल पर सीढ़ियाँ, शौचालय एवं रसोई नहीं हो।
19.भवन का ईशान कोण घटा—कटा व बढ़ा हुआ नहीं हो एवं सीढ़ियाँ, शौचालय एवं रसोई नहीं हो व मास्टर शयन कक्ष नहीं हो साथ ही अनुपयोगी सामान स्टोर, सेप्टिक टेंक व वृक्ष नहीं हो।