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अयोध्या
विनयांजलि,!
June 14, 2020
भजन
jambudweep
विनयांजलि
जैनधर्म की दिव्य ज्योत्सना नभ की तुम धु्रवतारा।
हे ज्ञानमती माँ तुम्हें नमन है- शत-शत बार हमारा।।
कठिन साधना पथ को चुन कर- साधक बन सरल बनाया।
बाल ब्रह्मचारिणी, बन गणिनी नरभव सफल बनाया।
बीते वर्ष पचास त्याग संग, तीरथ भी उद्धारा।
हे ज्ञानमती माँ तुम्हें नमन है- शत-शत बार हमारा।।
रत्नत्रय के सोपानों पर, हर क्षण आरोहण हो।
स्वर्ण जयंती, अल्पविराम है माँ, अमृत, हीरक पर तुम्हें नमन हो।।
यही प्रार्थना है ‘सरोज’- हो ज्ञान-जगत उजियारा।।
हे ज्ञानमती माँ तुम्हें नमन है- शत-शत बार हमारा।।
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