महाराज पूर्व नाम : श्री विनीत कुमार जी जैन
ग्राम : हरदुआ खमरिया, पन्ना (म.प्र.)
पिता, माता : श्री कस्तूरचन्द, शीलादेवी जैन
जन्म, शिक्षा : 01.01.1972 / हाईस्कूल
परिवार : भाई-2, बहन – 4
वैराग्य : आचार्य श्री का सानिध्य
ब्रह्मचर्य व्रत : 22.08.1993, श्रेयांसगिरि अ.क्षे. (म.प्र.)
क्षुल्लक दीक्षा 23.02.1996, देवेन्द्रनगर (म.प्र.)
नाम : क्षुल्लक श्री विनिश्चलसागर जी
ऐलक दीक्षा : 21.01.03, श्रेयांसगिरि अ.क्षे. (म.प्र.)
नाम : ऐलक श्री विनिश्चलसागर जी महाराज
मुनि दीक्षा : 08.06.2003, ललितपुर (उ.प्र.)
नाम दीक्षा गुरु : मुनि श्री विनिश्चलसागर जी महाराज
: प.पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
गुरु मुख से अध्ययन रुचि : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, सर्वार्थसिद्धि, कातन्त्र रूपमाला, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, मोक्षशास्त्र, द्रव्यसंग्रह, पुरूषार्थ सिद्धयुपाय, समाधितंत्र, परीक्षा मुख सूत्र, गोम्मटसार जीवकाण्ड, 24 ठाणा, मूलाचार, इष्टोपदेश आदि : अध्ययन, काव्य मनन, कहानी सृजन
चातुर्मास : कटंगी, देवरीकला, गोटेगाँव, ललितपुर , टीकमगढ़, अम्बाहा, श्रेयांसगिरि भिलाई, अगरतला, सिवनी, घनसोर, गुनौर, लौडी, छतरपुर, चन्दला, सलेहा, वृजपुर, पन्ना।
(विशेष देखें- प्रशिष्य प्रकरण) : 1 (विशेष देखें समाधि प्रकरण) शिष्य समाधि