महोत्सव के मध्य विभिन्न आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी सम्पन्न हुई, जिसमें विशिष्ट कलाकारों के साथ ही विशेषरूप से समिति ने प्रोत्साहनपूर्वक अनेक सामाजिक संगठनों एवं सदस्यों को महत्व देकर विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ सम्पन्न कराई।
इस विशाल महोत्सव के मध्य विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समायोजन संघस्थ आर्यिका श्री स्वर्णमती माताजी ने कुशलतापूर्वक किया तथा महोत्सव में प्रतिदिन पारस चैनल पर हुए सीधे प्रसारण का भी आपने सुव्यवस्थित संयोजन करके विशेष सहयोग प्रदान किया। आइये देखते हैं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के संदर्भ में एक रिपोर्ट-
इस क्रम में दिनाँक ११ फरवरी को शुभारंभ अवसर पर प्रात:काल कु. सपना पाटणी-धूलिया ग्रुप द्वारा सुन्दर लेजिम प्रस्तुत किया गया। साथ ही कु. नमिता, अंकिता-औरंगाबाद, नम्रता, दीपिका-फुलंब्री, गौरी-सटाणा एवं सौ. सपना-वैशाली पाटणी-मालेगांव ने विभिन्न नृत्य प्रस्तुत किये। रात्रि में भगवान ऋषभदेव पंचकल्याणक नृत्य नाटिका का सुन्दर मंचन दिगम्बर जैन महिला मण्डल, कोपरगांव समाज द्वारा किया गया।
इसी प्रकार १२ फरवरी को रात्रि में साधना मादावत गु्रप रंगशाला-इंदौर द्वारा नेमि-राजुल वैराग्य कथा की सुन्दर प्रस्तुति हुई तथा १३ फरवरी को गर्भकल्याणक के अवसर पर सुधर्मा सभा का आयोजन हुआ। इस दिन महिमा जैन, ब्राह्मी जैन-लखनऊ ने भी नृत्य प्रस्तुत किया।
१४ फरवरी को सौधर्म इन्द्र-श्री जे.सी. जैन-हरिद्वार परिवार एवं भगवान के माता-पिता डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल परिवार द्वारा विभिन्न भक्ति नृत्य प्रस्तुत किये गये तथा रात्रि में निधि पाटनी-वालुज एवं श्रेया पाटनी-नासिक का नृत्य हुआ।
१५ फरवरी को मध्यान्ह में दीक्षाकल्याणक के अवसर पर नीलांजना नृत्य प्रस्तुत करने हेतु सुप्रसिद्ध कु. वीनस जैन-मुम्बई ने अपना भरत नाट्यम प्रस्तुत किया। इसी दिन कु. सिद्धि जैन द्वारा नृत्य व अजय-विजय-प्रशांत-जिनेश पापड़ीवाल द्वारा इष्ट वंदना पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस दिन त्रिशला महिला मण्डल, श्रीरामपुर द्वारा भी मराठी गाने पर नृत्य की प्रस्तुति हुई। रात्रि में प्रसिद्ध गीतकार कविता पौड़वाल-मुम्बई द्वारा सुन्दर भजन संध्या प्रस्तुत की गई।
१६ फरवरी को क्षमा जैन-लखनऊ, सुवर्णा पाटनी ग्रुप-नासिक व रिंकू कासलीवाल-चांदवड़ आदि के द्वारा विभिन्न नृत्य प्रस्तुतियाँ हुई। पश्चात् दि. जैन बहुमण्डल, चिन्तामणि कालोनी-औरंगाबाद द्वारा पूज्य माताजी के जीवन पर आधारित सच्चा वैराग्य बना इतिहास नामक नाटक अत्यन्त सुन्दरता के साथ प्रस्तुत किया गया।
१७ फरवरी एवं १९ फरवरी को प्रसिद्ध गीतकार-संगीतकार रूपेश जैन ने अपनी भजन संध्या प्रस्तुत की तथा १७ फरवरी को श्री शांतिनाथ महिला मण्डल-घोटी (महा.) के निकिता मयूर पहाड़े ग्रुप आदि ने अपनी विशेष प्रस्तुति दी।
१८ फरवरी को तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय-मुरादाबाद के छात्र-छात्राओं ने भगवान ऋषभदेव के पूर्व भव पर अंग्रेजी में नाटिका प्रस्तुत की तथा इसी दिन दीपक-रूपक-दिल्ली द्वारा भजन संध्या प्रस्तुत की गई।
पश्चात् २० फरवरी को निखिल जैन-कलकत्ता द्वारा भजन संध्या प्रस्तुत की गई।
२१ फरवरी को मस्तकाभिषेक के मध्य दिगम्बर जैन समाज-सूरत के नवीन बड़जात्या ग्रुप, साक्षी बड़जात्या ग्रुप एवं सृष्टि गंगवाल ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कुचीपुड़ी नृत्य आदि प्रस्तुत किये तथा २२ फरवरी को महिला मण्डल लासुर स्टेशन समाज द्वारा परिग्रह की हार, अपरिग्रह की जीत नाटिका का मंचन हुआ।
पश्चात् २३ फरवरी को अजित पाण्ड्या-कुचामनसिटी द्वारा भजन संध्या प्रस्तुत की गई।
इसी क्रम में २५ फरवरी को शिऊर जैन समाज द्वारा पत्थर का त्याग नाटक की प्रस्तुति हुई पुन: २६ फरवरी को दिगम्बर जैन समाज मालेगांव द्वारा बेटी की पुकार एवं णमोकार मंत्र की महिमा पर नृत्य व नाटिका प्रस्तुत की गई।
२७ फरवरी को साधना मादावत ग्रुप-इंदौर द्वारा यम नियम संयम नाटिका की प्रस्तुति हुई और २८ फरवरी को पुरुदेव का एक भव नाटक सुवर्णा पाटनी ग्रुप-नासिक द्वारा संस्कृत में प्रस्तुत किया गया तथा इसी दिन श्री जे.के. जैन परिवार-दिल्ली द्वारा भी नृत्य, भजन आदि की सुन्दर प्रस्तुतियाँ की गई।
अंत में २९ फरवरी को विपिन जैन-बुरहानपुर संगीतकार द्वारा भजन संध्या व वीर महिला मण्डल की महिलाओं द्वारा भजनों की प्रस्तुति हुई।
इसके बाद ६ मार्च तक प्रतिदिन विभिन्न नृत्य, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया।