सौधर्म ईशान के विमान धन स्वरूप जल के आधार पर हैं। सानत्कुमार माहेन्द्र के विमान पवन के ऊपर स्थित हैं। ब्रह्म, ब्रह्मोत्तर, लावंत, कापिष्ठ, शुक्र, महाशुक्र, शतार, सहस्रार इन चार युगलों के विमान जल व पवन इन दोनों के आधार हैं। आनत-प्राणत से लेकर सर्वार्थसिद्धि पर्यंत सभी विमान शुद्ध आकाश तल में स्थित हैं।