दीक्षा गुरु : प. पू. गणाचार्य श्री विरागसागर
पूर्वनाम : श्रीमती सुभद्रा जैन
ग्राम : डडूका (राज.)
पिता, माता : स्व. श्री धनराज जी, स्व. सुखी बाई जैन
जन्म, शिक्षा : 08.07.50/8वीं
परिवार : पति श्री जीतमल जी भाई – 1, बहन – 2, पुत्र- 2
वैराग्य : संत समागम, धार्मिक संस्कार
ब्रह्मचर्य व्रत : 09.11.2000, शिखरजी सि.क्षे. (झा.)
क्षुल्लिकादीक्षा : 08.06.03, ललितपुर (उ.प्र.)
नाम : क्षुल्लिका विशाल श्री माताजी जी
गुरु मुख से अध्ययन : बाल विज्ञान 1, 2, 3, 4, द्रव्यसंग्रह, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, तत्त्वार्थसूत्र, जैनसिद्धान्त प्रवेशिका, इष्टोपदेश, समाधितंत्र सर्वोदया टीका, परमात्म प्रकाश आदि ।
रुचि : जाप्य, स्वाध्याय, पाठ, मनन
विशेष : पति मुनि विश्वलोकेशसागर जी
चातुर्मास : सिवनी, नागपुर, मूडविद्री, मेलचित्ता- मूर, उदगाँव, मुम्बई, गांधीनगर, लोहारिया, अजमेर, जयपुर, इन्दौर।