पूर्व नाम : श्री हुकुमचंद जैन
ग्राम: टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिता, माता : स्व. श्री मूलचंद, स्व. रजनदेवी जैन
जन्म, शिक्षा: 1938 / 6व
परिवार : धर्म पत्नि – श्रीमती गजरा देवी जैन भाई – 5, बहन – 4, पुत्र- 3, पुत्री – 1
वैराग्य : संसार शरीर की नश्वरता
ब्रह्मचर्य व्रत : 2000, सम्मेदशिखर जी (झारखण्ड)
क्षुल्लक दीक्षा : 3.5.2012, जयपुर (राज.)
नाम : क्षुल्लक श्री विश्वधीरसागर जी
दीक्षा गुरु : प.पू. गणाचार्य श्री विरागसागरजी
गुरुमुख से अध्ययन: बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, द्रव्यसंग्रह, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, तत्त्वार्थसूत्र, जैन सिद्धान्त प्रवेशिका, इष्टोपदेश, समाधितंत्र, सर्वोदया टीका, परमात्म प्रकाश आदि ।
रुचि: स्वाध्याय, आत्मचिंतन
चातुर्मास : जयपुर, इन्दौर।