पूर्वनाम : श्री रतन चन्द जी जैन
ग्राम : मड़ावरा (उ.प्र.) : स्व. श्री दोलतराम जी
पिता, माता स्व. चतुरा बाई जी जैन
जन्म, शिक्षा : वि.सं. 1991 /चौथी
परिवार : धर्म पत्नि – श्रीमती चंपा बाई जैन
भाई – 6, पुत्र- 1, पुत्री – 3
वैराग्य : संतसमागम, गुरु सदुपदेश, स्वाध्याय
ब्रह्मचर्यव्रत : 1998 मड़ावरा (उ.प्र.)
क्षुल्लक दीक्षा : 30.11.01, गयाजी (बिहार)
नाम : क्षुल्लक श्री विश्वभूषणसागर जी
दीक्षा गुरु : प. पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, मूलाचार, जैनसिद्धान्त प्रवेशिका, देवागमस्तोत्र, परीक्षामुख सूत्र, न्यायदीपिका, कातंत्ररुपमाला, छंदपंचविशंति, समाधितंत्र, आलाप पद्धति, स्वरुप संबोधन, इष्टोपदेश, धनंजय नाममाला, गोम्मटसार जीवकाण्ड, सर्वार्थसिद्धि, चौबीस ठाणा, जय- धवलाजी, समयसार, धवलाजी, तत्त्वसार, प्रवचनसार, दशभक्ति संग्रह, अष्टपाहुड़, तिल्लोयपण्णति, प्रमेयरत्न माला, पंचास्ति- काय, तत्त्वार्थसूत्र, द्रव्यसंग्रह, नियमसार, सर्वोदया टीका आदि।
रुचि : स्वाध्याय, जाप्य :
विशेष पत्नि – क्षुल्लिका विभूषणाश्री माताजी
चातुर्मास : श्रेयांसगिरि, भिलाई, कारंजा, मूडबिद्री, मेलचित्तामूर, उदगांव, मुम्बई, गांधीनगर, लोहारिया, अजमेर, जयपुर, इन्दौर।