Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
वीरा तेरे तीरथ का, मुझे दर्श जो मल जावे!
June 17, 2020
भजन
jambudweep
वीरा तेरे तीरथ का
तर्ज—गुरुवर तेरे चरणों की……
वीरा तेरे तीरथ का, मुझे दर्श जो मिल जावे।
तीरथ के दरश पाकर, मन उपवन खिल जावे।। टेक.।।
वह कुण्डलपुर नगरी, वीरान हुई प्रभुजी।
वह वीरानी लखकर, पत्थर भी पिघल जावे।। वीरा.।।१।।
माँ ज्ञानमती जी को, दैवी प्रेरणा मिली।
उस प्रेरणा के बल पर, वह तीरथ बन जावे।। वीरा.।।२।।
जब चरण चले उनके, सचमुच उद्धार हुआ।
उद्धार की श्रेणी में, श्रुतसार भी मिल जावे।। वीरा.।।३।।
यदि रोम रोम मेरा, हो जाए समर्पित प्रभु।
‘‘चन्दनामती” जीवन, की कलियाँ खिल जावें।। वीरा.।।४।।
Previous post
महावीरा जन्मे, कुण्डलपुर में!
Next post
मुनिराज बनके, जिनराज बनके!
error:
Content is protected !!