आदिपुराण भाग—१ पूर्व—२०पुरिमतालनगर के समीप शकट नामक उद्यान जो पवित्र, आकुलतारहित, रमणीय, एकान्त और जीवरहित था, में भगवान ठहर गये। भगवान ने वहाँ वटवृक्ष के नीचे एक पवित्र तथा लम्बी चौड़ी शिला पर पूर्व दिशा की ओर मुखकर पद्मासन में बैठकर ध्यान में अपना चित्त लगाया।