व्यंतर देव देह का वर्ण
किन्नर – प्रियंगु
िंकपुरुष – सुवर्ण सदृश
महोरग – कालश्यामल
गंधर्व – शुद्धसुवर्ण
यक्ष – कालश्यामल
राक्षस – शुद्धश्याम
भूत – कालश्यामल
पिशाच – कज्जल के सदृश
ये सभी किन्नर आदि देव कृष्ण आदि वर्ण के होते हुए भी सुंदर, देखने में सौम्य, सुभग, विलास से संयुक्त, मणिमय भूषणों से अलंकृत और महान तेज के धारक होते हैं।