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शांतिनाथ की जन्मभूमि से गूंज उठी शहनाई!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
शांतिनाथ की जन्मभूमि से गूंज उठी शहनाई
तर्ज—माई रे माई……
शांतिनाथ की जन्मभूमि से गूंज उठी शहनाई।
विश्वशांति के हेतु राष्ट्रपति जी ने ज्योति जलाई।।
जय हो विश्व धर्म की जय, अहिंसा परम धर्म की जय।। टेक.।।
दुनिया के सब देश चाहते, आपस में मैत्री हो।
फिर भी क्यों आतंक बढ़ा है, यह विचार गोष्ठी हो।।
धर्म अहिंसा ने ही देश को…… धर्म अहिंसा ने ही देश को, आजादी दिलवाई।
विश्वशांति के हेतु राष्ट्रपति जी ने ज्योति जलाई।।
जय हो विश्वधर्म की जय, अहिंसा परम धर्म की जय……।।१।।
जहाँ कभी प्रभु शांतिनाथ ने, छह खण्ड राज्य चलाया।
धर्मनीति अरु राजनीति का, सच्चा पाठ पढ़ाया।।
सत्य-न्याय की वही भूमि…… सत्य न्याय की वही भूमि, हस्तिनापुरी कहलाई।
विश्वशांति के हेतु राष्ट्रपति जी ने ज्योति जलाई।।
जय हो विश्वधर्म की जय, अहिंसा परम धर्म की जय..।।२।।
भारत की सर्वोच्च आर्यिका गणिनी ज्ञानमती माता।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने जोड़ा उनसे नाता।।
तभी ‘‘चंदनामती’’ देश ने…… तभी चंदनामती देश ने, नव उपलब्धी पाई।
विश्वशांति के हेतु राष्ट्रपति जी ने ज्योति जलाई।।
जय हो विश्वधर्म की जय, अहिंसा परमधर्म की जय…।।३।।
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