— सब जगह प्रिय वचन बोलना, दुर्जन के दुर्वचन बोलने पर भी उसे क्षमा करना, और सबके गुण ग्रहण करते रहना—यह मंदकषायी (शांत स्वभावी) आत्मा के लक्षण हैं।