Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
शारद माता का रूप दखाया!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
शारद माता का
तर्ज—मनिहारों का रूप……
शारद माता का रूप दखाया, ज्ञान का तूने अलख जगाया।। टेक.।।
दीक्षा लेती न थीं क्वांरी कन्या यहाँ, बीसवीं सदि में तुमने प्रथम पद लिया।
ज्ञानमति नाम तब तूने पाया, ज्ञान का तूने अलख जगाया। ।।शारद…।।१।।
कोई साहित्य रचना न की साध्वी ने, सैकड़ों ग्रन्थ अब रच दिए मात ने।
कुन्दकुन्द का पथ दरशाया, ज्ञान का तूने अलख जगाया। ।।शारद…।।२।।
जैन भूगोल रचना नहीं थी कहीं, मात्र प्राचीन ग्रन्थों में वह थी कही।
जम्बूद्वीप का रूपक दखाया, ज्ञान का तूने अलख जगाया। ।।शारद…।।३।।
जिनवरों की जनमभूमि विकसित न थीं, प्रेरणा उनके उद्धार की माँ ने दी।
ऋषभ महावीर नाम गुंजाया, ज्ञान का तूने अलख जगाया। ।।शारद…।।४।।
जैन संस्कृात की तू इक धरोहर है मां, युग युगों तक जिए तू कहें ‘‘चन्दना”।
धरती चाहे सदा तेरी छाया, ज्ञान का तूने अलख जगाया। ।।शारद…।।५।।
Tags:
Gyanmati mata ji
Previous post
दीक्षा लेकर बने महामुनि, मोक्षमार्ग बतलाने को!
Next post
ज्ञानमती माँ आईं प्रभु जी के द्वार!
Related Articles
आचार्यश्री के अनुशासन
September 19, 2017
jambudweep
Golden Personality of Ganinee Gyanmati Mataji
March 22, 2023
Harsh Jain
हे मात आज तुमसे, वरदान मैं ये चाहूँ!
June 16, 2020
jambudweep