८ मूलगुण, १२ व्रत, १२ तप, १ समता, ११ प्रतिमा, ४ प्रकार का दान, १ जलगालन, १ रात्रि भोजन त्याग, ३ दर्शन, ज्ञान और चारित्र इस प्रकार श्रावक की त्रेपन क्रियाएं हैं ८+१२+१२+१+११+४+१+१+३=५३