‘‘गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती संत भवन’’ का होगा शीघ्र निर्माण
श्री दिगम्बर जैन संत सेवा संघ एक ऐसी संस्था है, जिसके माध्यम से पूरे भारत देश में विभिन्न स्थानों पर साधुओं के विहार मार्ग के मध्य आने वाले दुर्गम स्थानों पर संत भवन बनाने की योजनाएं बनाई गई हैंं। इस संत सेवा संघ का मुख्य कार्यालय सूरत में है। इसकी स्थापना सन् २०१३ में श्रीमती कंचनबाई दीवान की प्रेरणा से उनके सुपुत्र श्री विद्या प्रकाश दीवान (सीकर वाले), सूरत के द्वारा की गई है।
अभी तक इस योजना के अन्तर्गत भरुच-नवसारी-महुआ-मांगीतुंगी के मध्य विशाल संत भवन के निर्माण किये गये हैं, जिनमें २५० लोगों के बैठने की क्षमता वाला बड़ा हॉल, ६ रूम तथा चौके के लिए किचन आदि की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार अभी तक विभिन्न साधु संतों के नाम से मुनि श्री प्रज्ञासागर संत भवन, उपाध्याय श्री ज्ञानसागर संत भवन, आचार्यश्री सुनीलसागर संत भवन, आचार्यश्री सन्मतिसागर संत भवन के निर्माण हुए हैं।
इसी क्रम में इस योजना को आगे बढ़ाते हुए संत सेवा संघ समिति ने सूरत-मुम्बई हाइवे पर वापी और चौरटी के मध्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती संत भवन बनाने का निर्णय किया है।
इस प्रकार साधु-संतों की सेवा हेतु कार्य करने वाली इस संस्था द्वारा विगत ११ फरवरी से २ मार्च २०१६ तक ऋषभगिरि, मांगीतुंगी में १०८ फुट भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव के मध्य पधारे साधुसंतों के आहार व्यवस्था हेतु लगातार चौका लगाया और इस संस्था के माध्यम से समाज के सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों को पूज्य आचार्यों, मुनियों, आर्यिकाओं आदि चतुर्विध संघ को आहारदान का महान पुण्य फल प्राप्त हुआ। मांगीतुंगी में चौका व्यवस्था के मध्य श्री विद्या प्रकाश दीवान-सूरत के साथ श्री राकेश पाटनी, श्री अशोक गंगवाल, श्री नवीन काला, श्री ऋषभ लोणदिया आदि सूरत के अनेक महानुभावों ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।