


क्षीरोदधि को उज्ज्वल जल से, श्रीजिनवर पद पूजन जाय।





कमल केतकी बेल चमेली, श्रीगुलाब के पुष्प मँगाय।
नेवज लीना तुरत रस भीना, श्रीजिनवर आगे धरवाय।




श्रीफल और बादाम सुपारी, केला आदि छुहारा ल्याय।


आदीश्वर महाराज, मैं विनती तुम से करूँ, चारों गति के मांहि, मैं दुख पायो सो सुनो।
