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श्री गौतम स्वामी की मंगल आरती!
June 11, 2020
गौतम गणधर वाणी
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श्री गौतम स्वामी की मंगल आरती
रचयित्री—प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती
ॐ जय गौतम स्वामी, स्वामी जय गणधर स्वामी।
द्वादशांग के कत्र्ता, मनपर्ययज्ञानी।। ॐ जय.।।
तीर्थंकर महावीर के, शिष्य प्रमुख गणधर।
स्वामी…..
इन्द्रभूति गौतम यह, नाम मिला सुखकर ।।ॐ जय.।।१।।
श्रावण कुष्णा एकम, गणधर पद पाया। स्वामी ……
तीर्थंकर महावीर प्रभू सम, गुरु तुमने पाया।।ॐ जय.।।२।।
दिव्यध्वनि सुन प्रभु की, श्रुत रचना कर दी। स्वामी….
द्वादशांग से जग में, श्रुतसरिता भर दी।।ॐ जय.।।३।।
अंग पूर्व श्रुत अंश आज भी, है उपलब्ध यहाँ। स्वामी….
चतुरनुयोगों में निबद्ध वह, ज्ञान प्रसिद्ध कहा।।ॐ जय.।।४।।
गणधर गुरु की आरति, ऋद्धि—सिद्धि देवे। स्वामी…..
पुन: ‘‘चंदनामती’’ ज्ञाननिधि, सुख संपति लेवें।। ॐ जय.।।५।।
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