जला बीदर (कर्नाटक) में स्थित कमठाण नामका यह अतिशय क्षेत्र बीदर बस स्टैण्ड से आधा कि.मी.दूर एवं रेलवे स्टेशन से ११ कि.मी. दूर है। रेल अथवा सड़क मार्ग, मुम्बई-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.९ से १९ कि.मी. की दूरी पर है। बीदर जैन मंदिर में भी ठहरने के लिए कमरे की व्यवस्था है। बीदर नगर में जैन मंदिर देखने लायक है। समीपवर्ती अन्य दर्शनीय स्थलों में १०० कि.मी. की दूरी पर ‘मान्य-खेट’ (मल-खेड़) में भगवान मल्लिनाथ का मंदिर है। समीपवर्ती क्षेत्र बीदर, हुमनाबाद, भालकी, औरादनगर, अतिशय क्षेत्र कुलचारम्, अतिशय क्षेत्र हुणसी (गुलबर्गा) हैं। रट्ट राजवंशी के राजा द्वारा निर्मित भगवान पार्श्वनाथ की ध्यानमग्न पद्मासन प्रतिमा ४ फीट ऊँची ११०० वर्ष प्राचीन अति सुन्दर एवं मनोहारी है। देखने वालों को ऐसा प्रतीत होता है कि साक्षात् तीर्थंकर मौन व्रत धारण कर तपस्या में जीवन्त बैठे हुए हैं। सन् १९८७ में आचार्य श्री श्रुतसागर महाराज ने प्रतिमाजी को गुफा के ऊपरी भाग में प्रतिष्ठापित करवाया। रथयात्रा महोत्सव-प्रतिवर्ष माघ शुक्ल ५ से ७ तक रथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है। क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ-यहाँ मात्र १२ कमरे एवं २ हाल हैं। १ प्रवचन हाल है जिसमें २०० व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। भोजनशाला आधुनिक सुविधा से युक्त नि:शुल्क है किन्तु अनुरोध करने पर भोजन तैयार होता है। औषधालय एवं पुस्तकालय है।