





 घिसा गंध चंदन प्रभू पाद चर्चूं, सभी देह संताप मेटो जिनेंद्रा।
घिसा गंध चंदन प्रभू पाद चर्चूं, सभी देह संताप मेटो जिनेंद्रा।








 जलाऊँ अगनिपात्र में धूप अब मैं, जले कर्म की धूप फैले दिशा में
जलाऊँ अगनिपात्र में धूप अब मैं, जले कर्म की धूप फैले दिशा में
 अनंनास नींबू व अखरोट काजू, चढ़ाऊँ प्रभो! मोक्षफल हेतु फल ये।
अनंनास नींबू व अखरोट काजू, चढ़ाऊँ प्रभो! मोक्षफल हेतु फल ये। 


 श्री श्रेयांस जिनेश के, चरण कमल सुखकार।
 श्री श्रेयांस जिनेश के, चरण कमल सुखकार। 


 नित्य निरंजन नाथ, परम हंस परमात्मा।
नित्य निरंजन नाथ, परम हंस परमात्मा।