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(१) निंदा उनकी होती है जो दूसरों की प्रशंसा नहीं करते।
(२) शृंगार शील (चरित्र) पालने से होता है, बाहरी बनावट से नहीं।
(३) जो दूसरों पर निर्भर रहता है वह सबसे बड़ा कायर और भिखारी हैं।
(४) बड़े लोग अहंकार नहीं करते और अहंकारी कभी बड़े नहीं हो सकते।
(५) सजा मिलती है उन्हें जो दूसरों के लिए सजते हैं।