[[श्रेणी:शब्दकोष]]
संग्रह कृष्टि – Sangraha Krshti.
A kind of gradual destruction of passions.
कृष्टियों के अनेक भेदों में एक भेद ” क्रोधादि संज्वलन कषायों की जो 12,9,6 और 3 कृष्टियां होती है वे ही संग्रह कृष्टियां हैं ” पुनः इस एक-एक संग्रह कृष्टि की अंतर कृष्टियां अनंत होती हैं ” क्योंकि अनंत कृष्टियों के समूह का नाम ही संग्रह कृष्टि है ” (क्षपणासार-21) “