१. संत का आगमन —बसंत का आभास
२. संत की दृष्टि —जौहरी सी रत्न पारखी
३. संत का हृदय —नवनीत का मृदु
४. संत की संगति —ग्रीष्म में शीतल बयार का आभास
५. संत का प्यार —निर्मल जल का निर्झर
६. संत की बुद्धि —धर्म बुद्धि, ज्ञान—मति
७. संत की शरण —छायादार वृक्ष के समान सुखदायी
८. संत का उपकार —बहती नदी के समान
९. संत की वाणी —अमृतमयी संजीवनी
१०. संत का चरित्र —सुमेरू सा अचल, अडिग
११. संत की सन्निधि —पाप ताप हारिणी
१२. संत की फटकार —मातृवत् हितकारिणी
१३. संत का कार्य —धर्म, उपवन को सजाना
१४. संत का आशीष —सफलता की ग्यारण्टी
१५. संत की चर्या —मिलिट्री अनुशासन
१६. संत का व्यवहार —सदा उपकार
१७. संत का ज्ञान —सागर सा गहरा
१८. संत का चातुर्मास —चातक की आस
१९. संत की शक्ति —आत्मा की भक्ति
२०. संत का क्रोध —बादलों के बीच चमकती बिजली
२१. संत की प्रकृति —शांत, निराकुल
२२. संत का आहार —नीरस में रस
२३. संत का तप —शुद्ध स्वर्ण सा
२४. संत का विहार —जन—जन का उद्धार
२५. संत की पूंजी —सम्यक् दर्शन—ज्ञान—चारित्र
२६. संत का घर —मन—मंदिर
२७. संत का परिवार —चर्तुिवध संघ
२८. संत का बिछौना —धरती
२९. संत की चादर —आकाश
३०. संत के दुश्मन —कर्म व इंद्रिय के विषय