भूख लगने पर ही खायें—चुस्ती फुरती हेतु खाना तभी खाये जब आप भूख महसूस करें। भूख न होने पर जबरदस्ती भोजन न ठूंसे। इससे शरीर आलसी होता है और पेट खराब होता है। भूख लगने पर न खाने से शरीर को नुकसान होता है। खूब पानी पिएं—शरीर की चुस्ती फुरती हेतु दिन में स्वच्छ जल के १०-१२ गिलास पानी पिएं जो शरीर की सफाई, पाचन क्रिया हेतु आवश्यक है। ध्यान रखें कि अस्वच्छ जल सेहत बनाने की जगह सेहत बिगाड़ता है। सुबह जल्दी उठें—स्वयं को चुस्त बनाए रखने के लिए सुबह ६ बजे तक उठ जायें और आवश्यक कार्यों से निपटें। इससे दिन भर शरीर प्रसन्न और तन्दुरूस्त रहता है।
नींद न खुलने पर अंगड़ाइयाँ लेते हुए उठें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है, नींद भगाने में मदद मिलती है और शरीर लचीला बनता है। खुलकर हंसें—जरा सी खुशी होने पर खिलखिला कर हंसे जैसे आप हंसने का बहाना ढूंढ रहे हों। खुल कर हंसने से ब्लड प्रेशर कम होता है, रक्त संचार बढ़ता है और पाचन क्रिया ठीक रहती है। हंसने से कई बीमारियों पर कंट्रोल होता है क्योंकि हंसने से ऐसे हार्मोन्स पैदा होते हैं जो शरीर को चुस्त रखते हैं। हंसने हेतु पुरानी अच्छी यादों को ताजा करें, चुटकुले पढ़ें, बच्चों की प्यारी शरारत भरी हरकतों पर ध्यान दें। चाहे धीरे हंसे या जोर से हंसे पर हंसे जरूर। कॉमेडी पिक्चर देखकर या कॉमेडी सीरियल्स देख कर भी हंस सकते हैं। रोएं भी—तनाव कम करने के लिए रोना एक अच्छा व्यायाम है। जो लोग दुखी मौकों पर रोते हैं वे तनावरहित महसूस करते हैं। इससे वे ज्यादा सहनशील और कम तनावग्रस्त बनते हैं और लंबी आयु पाते हैं। रोना एक ऐसी क्रिया है जो आपकी भावनाओं को दर्शाता है और बाहर निकालता है। आंसुओं को कभी रोके नहीं, बहने दें। रो लेने के बाद आप स्वयं को हल्का महसूस करते हैं। संगीत सुनें और नृत्य करें—अपनी पसन्द का संगीत सुनकर आप तनाव कम कर सकते हैं। अधिक थकान होने पर हल्का संगीत थकान दूर करता है। संगीत सुनने से नींद भी अच्छी आती है।
संगीत के साथ—साथ आपका मन मटकने या नृत्य करने को करे तो उस भावना को रोके नहीं। आनंद उठायें। नृत्य करना व्यायाम का एक सरल और उत्तम तरीका है। इससे इम्यून सिस्टम बेहतर होता है, मन प्रसन्न होता है और अतिरिक्त चर्बी कम होती है। मालिश करें या करवाएं—मालिश स्वयं करें या दूसरे से करवायें। ऐसा करने से शरीर में चुस्ती आती है, तनाव कम होता है, थकान दूर होती है, दर्द कम होता है, त्वचा चमकदार बनती है और पाचन क्रिया ठीक होती है। मालिश से संतोष मिलता है और नींद भी अच्छी आती है। शीत ऋतु में तेल गुनगुना कर मालिश कर सकते हैं। कभी—कभी ड्राई मसाज या पाउडर मसाज करवा सकते हैं। मालिश करवाते या करते समय हाथों को अच्छी तरह से धुलवा लें और ठोस स्थान पर लेटकर मालिश करें या करवायें। नियमित मालिश से र्झुिरयाँ भी कम होती हैं। अपनी रुचि के अनुसार काम करें—दिनभर में कुछ समय निश्चित रखें अपने लिए जब आप अपनी इच्छा से जो करना चाहें करें। अपनी हॉबी की महत्ता को कम न होने दें जैसे पढ़ना, लिखना, आराम करना, सिलाई कढ़ाई करना, स्वेटर बनाना, पेिंन्टग बनाना, बागवानी करना, विडो शािंपग करना आदि। इस आदत से आप स्वयं को संतुष्ट कर सकते हैं और अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। जवां लोगों से दोस्ती—स्वयं को जवां रखने हेतु आप जवां दोस्त बनाएं, नई पीढ़ी के विचारों को सुनें, दोस्तों के साथ समय निकाल कर घूमें, पिक्चर देखें या शािंपग करें। इस प्रकार उनके साथ समय बिताते समय आप स्वयं को भी जवाँ महसूस करेंगे।
बच्चों जैसी हरकतें करें—कभी—कभी पति—पत्नी एक दूसरे के साथ बच्चों वाली जिद्द करें, कभी—कभी अपनी बात बच्चों की तरह मनवाएं। बच्चों के साथ गेंद पकड़न पकड़ाई और छुपन छुपाई भी खेल सकते हैं। बच्चों की हरकतों को स्टडी करें। बच्चों के बीच में आप स्वयं को रिलेक्स महसूस करेंगे। जीवन में रिलेक्सेशन चुस्ती को बढ़ाता है।