व्रत विधि-इस व्रत में समवसरण की प्रथम चैत्यप्रासाद भूमि के जिनमंदिर, जिनप्रतिमा की वंदना है। इसमें २४ व्रत हैं। उत्तम विधि उपवास, मध्यम विधि अल्पाहार, जघन्य विधि में एक बार शुद्ध भोजन करके व्रत करना है।
समुच्चय मंत्र-ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमि-संबंधिसर्वजिनमंदिरजिनप्रतिमाभ्यो नम:।
ॐ ह्रीं श्री ऋषभदेवसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर- जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।१।।
ॐ ह्रीं श्री अजितनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।२।।
ॐ ह्रीं श्री संभवजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।३।।
ॐ ह्रीं श्री अभिनंदनजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।४।।
ॐ ह्रीं श्री सुमतिनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।५।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।६।।
ॐ ह्रीं श्री सुपार्श्वनाथजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधि-जिनमंदिरजिनप्रतिमाभ्यो नम:।।७।।
ॐ ह्रीं श्री चंद्रप्रभजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।८।।
ॐ ह्रीं श्री पुष्पदंतजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।९।।
ॐ ह्रीं श्री शीतलनाथजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिन-मंदिरजिनप्रतिमाभ्यो नम:।।१०।।
ॐ ह्रीं श्री श्रेयांसजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।११।।
ॐ ह्रीं श्री वासुपूज्यजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।१२।।
ॐ ह्रीं श्री विमलनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।१३।।
ॐ ह्रीं श्री अनंतनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।१४।।
ॐ ह्रीं श्री धर्मनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।१५।।
ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।१६।।
ॐ ह्रीं श्री कुंथुनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।१७।।
ॐ ह्रीं श्री अरनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।१८।।
ॐ ह्रीं श्री मल्लिनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।१९।।
ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रतजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिर-जिनप्रतिमाभ्यो नम:।।२०।।
ॐ ह्रीं श्री नमिजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।२१।।
ॐ ह्रीं श्री नेमिजिनसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।२२।।
ॐ ह्रीं श्री पार्श्वनाथसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।२३।।
ॐ ह्रीं श्री महावीरसमवसरणस्थितचैत्यप्रासादभूमिसंबंधिजिनमंदिरजिन-प्रतिमाभ्यो नम:।।२४।।