सम्मेदशिखरजी – यह शाश्वत सिद्धक्षेत्र वर्तमान में झारखण्ड प्रदेश में स्थित है ।इस तीर्थ की वंदना करने से नरक- पशु गति नहीं मिलती है , ऐसा जैन शास्त्रों में कथन आता है ।